लखनऊ. रमजान के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने पूरे देश में इफ्तार पार्टियां की थीं। अब आरएसएस लखनऊ में मुसलमानों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाएगी। इसी के तहत एमआरएम अब आठ अगस्त को ‘कुल हिन्द उलेमा इजलास’ करने जा रही है। सम्मलेन में आरएसएस के चर्चित नेता इंद्रेश कुमार भी शामिल होंगे। सम्मलेन को कामयाब बनाने के लिए देश भर से उलेमा बुलाए गए हैं। लखनऊ में मंच के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख अबु बकर नकवी कई उलेमाओं से मिल भी चुके हैं।आरएसएस के इस सम्मलेन में मुसलमानों के सभी फिरके के उलेमा शामिल होंगे। अबु बकर नकवी ने बताया कि सम्मलेन में शिया, सुन्नी, देवबंदी और बरेलवी उलेमा हिस्सा लेंगे। इनके अलावा लखनऊ के उलेमा, मदरसों के बच्चे, संघ से जुड़े मुस्लिम कार्यकर्ता और शहर के संभ्रांत लोग भी सम्मलेन में शामिल होंगे। नकवी के मुताबिक शिया धर्मगुरुओं ने आने की हामी भरी है। इनके अलावा शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद और कल्बे सादिक और सुन्नी धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली समेत कई धर्मगुरुओं को भी दावतनामा भेजा गया है।अबू बकर नकवी के मुताबिक नौ अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरु हुआ था। उसी तरह आठ अगस्त से दंगाइयों और दहशतगर्दों को मिटाने की मुहिम चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में अब तक 25 हजार से ज्यादा दंगे हो चुके हैं और इनमें पांच लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 10 करोड़ घर बर्बाद हो चुके हैं और 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति तबाह हो चुकी है। नकवी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग अपने फायदे के लिए ये सब करवाते हैं। ऐसे में भाईचारा बढ़ाने के लिए ये सम्मलेन किया जा रहा है।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुताबिक मुसलमान अब वोट बैंक बनकर नहीं रहेगा। अबु बकर नकवी ने कहा कि सम्मलेन में किसी भी पार्टी के पक्ष में वोट करने की बात नहीं होगी। हम राजनीतिक लोग नहीं हैं। बस देश में शांति और भाईचारा बढ़ाना चाहते हैं। नकवी ने बताया कि करीब 20-22 राज्यों के उलेमाओं को दावतनामा भेजा गया है। कुल डेढ़ हजार लोगों की व्यवस्था की गई है। इसमें महाराष्ट्र, नागपुर, कर्नाटक, दिल्ली, एमपी, बिहार और छत्तीसगढ़ के उलेमा आएंगे। उलेमाओं की खातिरदारी की भी बेहतरीन व्यवस्था की गई है।