जानिए आपके बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है भारत?
आज देशभर में बाल दिवस मनाया जा रहा है. देश के बच्चे ही भारत का भविष्य है. बच्चों के साथ बढ़ते शोषण और बलात्कार को देखते हुए ये सवाल जरूर उठता है कि हमारे देश में बच्चे कितने सुरक्षित हैं? ऐसे में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्चों के साथ बलात्कार में भारी वृद्धि हुई.
आइए एक नजर डालते हैं पूरी रिपोर्ट पर…
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में जारी हुई NCRB की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बच्चों के खिलाफ बलात्कार के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है. इसी के साथ बच्चों के साथ होने वाले सभी अपराध में बढ़ोतरी पाई गई.
साल 2016 के लिए NCRB आंकड़ों के मुताबिक, 2015 की तुलना में बच्चों के बलात्कार की घटनाओं में 82% की वृद्धि हुई थी. बता दें, ऐसा पहली बार हुआ था कि जब बच्चों पर यौन हमलों में इतनी तेज वृद्धि दर्ज की गई हो.
रिपोर्ट में सामने आया उत्तर प्रदेश एक ऐसा शहर है जहां बच्चों के साथ सबसे ज्यादा अपराध होते हैं. NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2015 में, आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार के 10,854 मामले और यौन अपराधों (पोस्को एक्ट) के खिलाफ बच्चों के संरक्षण की धारा 4 और 6 के तहत देश भर में रजिस्ट्रर हुए थे. जिसके बाद 2016 में 19,765 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे.
इन शहरों में दर्ज हुए बच्चों के साथ अत्याचार के मामले
मध्यप्रदेश (2467), महाराष्ट्र (2292), उत्तर प्रदेश (2115), ओडिशा (1258) और तमिलनाडु (1169) में बच्चों के साथ अपराध की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई थी. जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बहुत अधिक वृद्धि दर्ज की गई थी.
NCRB के आंकड़े केवल पुलिस द्वारा रजिस्टर अपराधों की संख्या को दर्शाते हैं. NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में पूरे देश में बच्चों के खिलाफ अपराधों के कुल 1,06,958 मामले दर्ज किए गए थे. आपको बता दें, दिल्ली में बच्चों के खिलाफ अपराधों की दर 146 थी, इसके बाद छत्तीसगढ़ (47.2) और मध्य प्रदेश (45.7) थी.
आपको बता दें, दिल्ली और मुंबई बच्चों के लिए अपराधों का शहर है. जहां बच्चों के साथ सबसे ज्यादा अपराध के मामले दर्ज किए जाते हैं. साल 2016 में दिल्ली में बच्चों के खिलाफ 8139 घटनाएं दर्ज की गईं थी मुंबई 1456 घटनाओं के साथ एक दूसरे स्थान पर था और बेंगलुरू ने 1063 मामले दर्ज किए गए थे.