खास बात यह है कि इस मसौदे के तहत खुलने वाले अस्पतालों में आयुष्मान भारत के लाभार्थियों का सरकारी दरों पर इलाज करना अनिवार्य होगा। सरकारी स्वास्थ्य कार्ड 50 करोड़ लाभार्थियों को कवर करता है।
तीन श्रेणियों में खुलेंगे अस्पताल
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा के दौरान राज्य सरकारों को अस्पताल खोलने के लिए जमीन चिह्नित करने को कहा गया था। जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होंगी। साथ बात यह है कि राज्यों को चिह्नित स्थानों की सूचना सरकारी वेबसाइट पर डालनी होगी। मसौदे के मुताबिक, ये अस्पताल तीन श्रेणियों (30 से 50 बेड, 100 बेड और 100 से अधिक बेड) में खोले जाएंगे। इन्हीं श्रेणियों के आधार पर इन्हें छूट मिलेगी।
निर्माण लागत पर 40 फीसदी तक छूट
सरकार द्वारा तैयार मसौदे के मुताबिक, पीएमजेएवाई के तहत वित्त मंत्रालय का आर्थिक विभाग वायबिलिटी गैप फंड (वीजीएफ) के जरिए टीयर-2, 3 और 4 शहरों में अस्पताल खोलने में मदद करेगा। अस्पताल खोलने वाली कंपनी या संस्था को जरूरी ऋण, जमीन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने से लेकर निर्माण लागत पर 40 फीसदी तक की सहायता मुहैया कराई जाएगी।
तय समय में देनी होगी मंजूरी
मसौदे के तहत, अस्पताल खोलने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सिंगल विंडो के जरिए विभिन्न स्तर पर आवेदन और शर्तों को मंजूरी देंगी। यह मंजूरी निर्धारित समय में प्राधिकारों को मुहैया करानी होगी। ऐसा नहीं होने पर तय समय के बाद स्वत: अनुमति का प्रावधान लागू हो जाएगा। अस्पताल खोलने के लिए ढांचागत मंजूरी में कंप्लीशन प्रमाणपत्र, अग्निशमन सुरक्षा प्रमाणपत्र, पर्यावरण संबंधी मंजूरी, लिफ्ट लाइसेंस, पंजीकरण-प्रमाणन के साथ सेवा संबंधी मंजूरी में फार्मेसी, ब्लड बैंक, एंबुलेंस और कचरा प्रबंधन आदि की मंजूरी लेनी होगी।