अन्तर्राष्ट्रीय

अंटार्कटिक ओजोन छेद का आकार घटा

hpवाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि इस वर्ष अंटार्कटिका में ओजोन छेद का आकार घट गया है। हाल के दशकों की तुलना में छेद का आकार छोटा हो गया है। सामाचार एजेंसी सिन्हुआ ने नासा के बयान के हवाले से बताया कि इस साल सितंबर-अक्टूबर में छेद का आकार 2.1 करोड़ वर्गमीटर है  जबकि 199० के दशक के बीच नापे गए छेद का आकार 2.25 करोड़ वर्गमीटर था। नासा ने कहा कि हालांकि यह निर्धारित करना बहुत जल्दबाजी होगी कि छेद का भरना शुरू हो गया है।16 सिंतबर को एक  दिन में ही यह 2.4 करोड़ वर्ग मीटर तक पहुंच गया था  यह आकार उत्तरी अमेरिका के आकार के बराबर है। अभीतक एक दिन में सबसे बड़ा ओजोन छेद 199० के दशक में नौ 9 सिंतबर को हुआ था  यह  2.99 करोड़ वर्गमीटर था। समताप मंडल में ओजोन छेद होना मौसमी घटना है जो कि अगस्त और सितंबर में शुरू होती है। हालांकि 1987 के मांट्रियल प्रोटोकॉल के कारण वातावरण में ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों की मात्रा घटी है। मांट्रियल प्रोटोकाल एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है  जिसके तहत ओजोन क्षरण के लिए जिम्मेदार रसायनों का उत्पादन चरणबद्ध तरीके से घटाया जाता है। इसी के चलते छेद का आकार स्थिर हो गया है और मौसम में बदलाव के अनुसार वर्ष-दर-वर्ष छेद का आकार बदलता रहता है।

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