कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे निर्धारित समय से तीन माह पहले सोमवार को देश को सुपुर्द कर दिया। इसके लिए पीएम मोदी गुरुग्राम के सुल्तानपुरी गांव पहुंचे और मनोहर लाल खट्टर के साथ इस योजना और एस्कॉट्स मुजेसर और बल्लभगढ़ मेट्रो सेक्शन को हरी झंडी दिखाई। केएमपी एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया। इसके चालू होने से दिल्ली-एनसीआर में विकास के नए द्वार खुल गए हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत लोगों को बधाई देकर की और कहा कि ये दोनों योजनाएं दो तस्वीरों को याद करने का अवसर हैं- ये तस्वीर बीजेपी सरकारों के कार्यसंस्कृति की है, हमारे कार्य करने के तरीकों की है।
वहीं दूसरी तस्वीर ये दिखाती है कि पहले की सरकारों में कैसे काम होता था। पहले की सरकारों ने इसे पूरा होने में 12 साल लगा दिए। जब कॉमन वेल्थ गेम्स हुए थे तब इसका उपयोग होना था लेकिन जैसी खेलों की गति हुई वैसी ही इस एक्सप्रेस-वे की गति हुई। लटकाने भटकाने वाली संस्कृति ने हरियाणा और पूरे दिल्ली-एनसीआर का कितना नुकसान किया। यह एक केस स्टडी है कि पहले की सरकारें कैसे जनता के पैसे बरबाद करती थीं।
वहीं दूसरी तस्वीर ये दिखाती है कि पहले की सरकारों में कैसे काम होता था। पहले की सरकारों ने इसे पूरा होने में 12 साल लगा दिए। जब कॉमन वेल्थ गेम्स हुए थे तब इसका उपयोग होना था लेकिन जैसी खेलों की गति हुई वैसी ही इस एक्सप्रेस-वे की गति हुई। लटकाने भटकाने वाली संस्कृति ने हरियाणा और पूरे दिल्ली-एनसीआर का कितना नुकसान किया। यह एक केस स्टडी है कि पहले की सरकारें कैसे जनता के पैसे बरबाद करती थीं।
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली में लगने वाला ट्रैफिक काफी कम हो जाएगा। साथ ही ये भी बताया कि देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी ही कोशिशें हो रही हैं कि सड़कों पर से ट्रैफिक कम किया जा सके वो भी पर्यावरण का ध्यान रखते हुए। उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेसवे से प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी।
इस दौरान उन्होेंने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार से ज्यादा हमारे कार्यकाल में हाईवे व सड़कें बनीं। पहले 1 दिन में 12 किलोमीटर हाईवे बनता था लेकिन आज 27 किलोमीटर प्रतिदिन के स्तर से काम होता है। पीएम ने बिना इंजन वाली ट्रेन टी-18 का भी उल्लेख किया। पीएम मोदी ने हल्दिया से हावड़ा वाटरवे का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों का असर ये हुआ है कि हवाई चप्पल पहनने वालों में हवाई जहाज में बैठने का हौसला आया है।