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इंडिगो के वेब चेक-इन पर सरकार के फैसला से लंबी हो सकती हैं एयरपोर्ट पर यात्रियों की लाइन

लो कॉस्ट एयरलाइन कंपनी इंडिगो द्वारा वेब चेक-इन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले पर सरकार जल्द फैसला लेगी। नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को जारी किए एक वक्तव्य में कहा है कि वो इस पूरे मामले पर रिव्यू कर रही है कि क्या कंपनी ऐसा कर सकती है या फिर नहीं।

एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ने का अंदेशा
इंडिगो ने रविवार को घोषणा की थी कि वो एयरपोर्ट पर वेब चेक-इन सुविधा का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को 200 रुपये से लेकर के 800 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। एयरलाइन के इस कदम से देश भर के सभी एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी लाइन लगने की संभावना है।

क्या होता है वेब चेक-इन
वेब चेक-इन में यात्रियों को एयरलाइन कंपनियों की वेबसाइट पर सीट लेने की सुविधा मिलती है। इससे यात्री एयरपोर्ट पर लंबी लाइन में लगने से बच जाते हैं। इस सुविधा में यात्रियों को केवल बोर्डिंग पास का प्रिंट मशीन से लेना होता है। यात्रियों को इसमें पहले बीच की सीट मिलती थी। हालांकि विंडो और असाइल सीट के नहीं मिलती थी। इसके लिए एयरपोर्ट पर आकर काउंटर पर लाइन में लगना था। वेब चेक-इन से एयरपोर्ट पर लंबी लाइन लगना कम हो गया था।

14 नवंबर से लागू किया 
घरेलू विमानन क्षेत्र की एयरलाइंस इंडिगो ने रविवार को ट्वीट की एक सीरीज में इस नए बदलाव की घोषणा की। अपने ट्वीट में इंडिगो की तरफ से कहा गया कि बदली गई नीति के तहत अब सभी सीटों के लिए वेब चेक-इन करने पर शुल्क देना होगा। हालांकि इसके बदले आप एयरपोर्ट पर मुफ्त में चेक-इन कर सकते हैं। सीटों का निर्धारण उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। यह नया बदलाव 14 नवंबर से ही लागू कर दिया गया है।

651 करोड़ का हुआ घाटा
गुरुग्राम में मुख्यालय वाली इस एयरलाइंस को जुलाई से सितंबर तक के साल की दूसरी तिमाही में करीब 651 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। हालांकि इसके लिए ईंधन के ऊंचे दामों और रुपये में गिरावट को जिम्मेदार माना गया है। कंपनी के अनुसार, इस घाटे की भरपाई करने के लिए वेब चेक-इन करने पर सीट की स्थिति के हिसाब से 200 से लेकर 800 रुपये तक की वसूली की जाएगी। बता दें कि इससे पहले यह बजट एयरलाइंस विंडो सीट, एक्स्ट्रा लेग रूम जैसी कुछ खास तरह की सीटों के लिए ही वेब चेक-इन करने पर अतिरिक्त शुल्क वसूलती थी।

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