दिल्ली: बहती हुई सरकार का सपना है कि हम हिंदुस्तान में पिन-क्रिन्यूलेशन करेंगे और पूरे विश्व में मांस-मटन का एक्सपोर्ट का बिजनेस करेंगे और स्वंय इस वर्ष भारत सरकार ने घोषित किया है, पूरे विश्व में बीफ एक्सपोर्ट में हिंदुस्तान नंबर वन है। किन चीजों के लिए गर्व किया जा रहा है भाईयो और बहनों आपका कलेजा रो रहा या नहीं मुझे मालुम नहीं, मेरा कलेजा चीख-चीख कर पुकार रहा है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण उस वक्त का है जब वह देश के प्रधानमंत्री नहीं थे, उस वक्त देश के बीफ निर्यात पर प्रधानमंत्री का दिल रो रहा था लेकिन अब उसी प्रधानमन्त्री के कार्य काल में भारत के बीफ निर्यात के आंकड़े पर भी एक नजर डालेंगे तो आपको प्रधानमंत्री का यह भाषण हवा हवाई होता नजर आएगा।जी हां, मोदी राज में भी भारत बीफ का नंबर एक निर्यातक ही है। सरकार बदली, मंत्री बदले, लेकिन यूपीए सरकार के समय के नियम नहीं बदले। अमेरिका के कृषि विभाग के आंकड़ो के मुताबिक भारत बीफ का नंबर वन निर्यातक देश है भारत ने पिछले साल 2082 हजार मैट्रिक टन बीफ का निर्यात किया हा जबकि 1909 मेट्रिक टन निर्यात के साथ ब्राजील दुसरे नंबर पर है, इस सूची में 1851 हजार मैट्रिक टन के साथ आस्ट्रेलिया तीसरे और 1167 हजार मैट्रिक टन के साथ अमेरिका चौथे नबर पर है।हालाँकि आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार,छतीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात,हरयाणा,हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर,झारखण्ड ,कर्नाटका ,मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र, पंजाब,राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड पशुओं को काटने वाले बुचर खानों में पूर्ण प्रतिबंध है, जबकि अरुणाचल प्रदेश और केरला में दस्साल से ज्यादा उम्र के जानवर को काटने की इजाजत है जबकि मणिपुर,मेघालय-मिज़ोरम और नागालैंड, सिक्किम,त्रिपुरा में कोई पाबंदी नहीं है, असाम तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में आप प्रमाण पत्र हासिल कर के जानवरों को काट सकते हैं, लेकिन आधे से ज्यादा देश में प्रतिबंध के बावजूद देश का बीफ निर्यात शिखर पर है हालांकि बीफ निर्यात में तेजी का यह सिलसिला यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2008 में शुरू हुआ और चार साल में भारत का बीफ निर्यात 44 फीसदी बढ़ गया और भारत नंबर एक बीफ निर्यातक देश बना लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में भी भारत का बीफ निर्यात में नंबर वन के पायदान पर कायम है तो प्रधान मंत्री का दिल अब इसके लिए कब रोता है यह देखने वाली बात होगी।