काल भैरव की प्रतिमा पीती है शराब, आज भी बना हुआ है रहस्य
नई दिल्ली: दुनिया में कई सारे मंदिर है। जिनके रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है। आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां पर रोज चमत्कार होता है। जिसके चलते मंदिर में भीड़ लगी रहती है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित भगवान काल भैरव का मंदिर है।
इस मंदिर की खास बात है कि यहां पर भी भैरव की प्रतिमा शराब का सेवन करती है। इसी चम्तकार को देखने के लिए लोग विदेशों से आते है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि उज्जैन के राजा भगवान महाकाल ने इस काल भैरव को इस शहर की रक्षा के लिए नियुक्त किया था जिसके कारण भैरव को शहर कोतवाल भी कहा जाता है।
काल भैरव को शराब का ही भोग लगता है और जिस शराब के पात्र में भोग लगाया जाता हैवो देखते देखते खाली हो जाता है।आज भी किसी को यह पता नहीं की आखिर यह शराब कहां पर जाती है। यह बात एक रहस्य बनी हुई है।मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले हुआ था। लेकिन आज भी मंदिर मजबूत स्थिति में देखाई देता है।
इस मंदिर में भगवान कालभैरव की प्रतिमा सिंधिया पगड़ी पहने हुए दिखाई देती है। यह पगड़ी भगवान ग्वालियर के सिंधिया परिवार की ओर से आती है। यह प्रथा सैकड़ों सालों से चली आ रही है।कहा जाता है कि 400 साल पहले सिंधिया घराने के राजा महादजी शत्रू से पराजित हो गए थे तो उस समय काल भैरव के मंदिर में आए थे औऱ उनकी पगड़ी वहीं पर गिर गई थी।