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यमन में 1.4 करोड़ लोगों के पास नहीं है भोजन, भूखे रहने की नौबत


सना : राजधानी में खाद्य पदार्थो की भारी किल्लत हो गई है। सना स्थित एक बेकरी में मुफ्त में बंट रहे ब्रेड के लिए बुधवार को लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी। तीन साल से चल रहे गृहयुद्ध के बाद वहां खाने-पीने की चीजों की भारी किल्लत हो गई है। यमन में 1.4 करोड़ लोगों के सामने भूखे रहने की नौबत आ गई है। यूरोपीय संघ द्वारा मंगलवार को तीन करोड़ यूरो यानी 3.38 करोड़ डॉलर की सहायता करने के वायदे के बावजूद कई नौवहन कंपनियां संघर्ष जारी रहने के कारण होदेदा बंदरगाह पर अपना जहाज नहीं भेजना चाहती हैं, इससे संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। स्थानीय मीडिया में जारी तस्वीरों में से यमन निवासी महिलाएं व पुरुष आसमानी नीले रंग के दरवाजे और खिड़कियों के सामने बुधवार को सुबह से ही लोग कतारों में लगे थे।

यमन में खाने-पीने की चीजें इतनी महंगी हो गई हैं कि ये अनेक लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। सऊदी अरब की अगुवाई में अमरीकी मदद से यमन में 2015 में बमबारी शुरू होने के साथ गृहयुद्ध आरंभ हुआ जिससे देश की मूलभूत संचरनाएं तहस-नहस हो चुकी हैं और समुदाएं अलग-थलग पड़ गई हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) प्रवक्ता हर्वे वहूसेल ने जेनेवा में एक प्रेसवार्ता में कहा, बाजार में खाद्य पदार्थ पहले से ही काफी महंगा हो गया है क्योंकि खाद्य पदार्थों की किल्लत है। अगर नावें कम आएंगी तो कीमतों में और इजाफा होगा।

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