इन कारणों से बड़े हो जाते हैं स्तन, करेंगी ये उपाय तो मिलेंगे बेहतर परिणाम
स्तन एडीपोस और ग्लेनड्यूलर नामक कोशिका जिससे हार्मोन रिसेप्टर जुड़े हुए होते हैं, के द्वारा बने होते हैं। एडीपोस टिश्यू एक तरह का फैटी टिशु है जो ब्रेस्ट को भरता है।
स्तनों का विकास महिलाओं में जीवन भर चलता है। स्तन जो कि एडीपोस ( Adipose tissue) और ग्लेनड्यूलर (glandular tissue) नामक कोशिका जिससे हार्मोन रिसेप्टर (hormone receptors) जुड़े हुए होते हैं, के द्वारा बने होते हैं। एडीपोस टिश्यू एक तरह का फैटी टिशु है जो ब्रेस्ट को भरता है। जबकि ग्लेनड्यूलर टिश्यू या ब्रेस्ट टिशु स्तनों में दूध का निर्माण करता है। शरीर में हार्मोन के बदलाव के कारण यह टिशु फैलने लगते हैं और ब्रेस्ट एक समय के बाद बड़े दिखने लगते हैं।
ये हो सकता है कारण
स्तनपान:- मां बनने पर महिलाओं के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल चेंजेज होते हैं जिससे कि ब्रेस्ट सूजे हुए लगने लगते हैं। जब आप ब्रेस्ट फीड करा रहीं होती हैं तो आपके ब्रेस्ट फूल जाते हैं या बड़े हो जाते हैं और जब स्तनपान रुक जाता है तो ब्रेस्ट का आकार अपने आप नॉर्मल हो जाता है। इसलिए इस स्थिति में बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।
उम्र:- बढ़ती उम्र के साथ आपके स्तनों के लिगामेंट (ligaments) ढीले पड़ने लगते हैं जिससे कि ब्रेस्ट सैगिंग की प्रॉब्लम हो सकती है।
जेनेटिक्स:- जीन्स (आनुवंशिक लक्षण) आपके स्तनों के शेप और साइज को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं क्योंकि ये हार्मोनल लेवल को प्रभावित करते हैं।
वजन:- आपके स्तनों में सबसे ज्यादा मात्रा फैटी टिश्यू की होती है इसलिए भले ही आपके स्तन छोटे हो या बड़े हो आपके वजन का इन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वजन कम होने या बढ़ने पर स्तनों के आकार में भी अंतर दिखाई देने लगता है।
क्यों जरूरी है स्तनों का आकार कम रखना
- बड़े स्तन होने के कारण सेल्फ कॉन्शियस महसूस करती हैं।
- आपका एक ब्रैस्ट का आकर दूसरे ब्रेस्ट के आकार से ज्यादा बढ़ा है।
- भारी स्तन होने की वजह से आप के निप्पल और एरियॉलास (areolas) नीचे की तरफ रुख करते हैं।
- आपके स्तन शरीर के अनुपात की तुलना में ज्यादा बड़े हैं।
- भारी स्तन होने की वजह से आपको पीठ दर्द, गले का दर्द और कंधे में दर्द है।
तो अपना सकती हैं ये उपाय
नीम और हल्दी:- स्तनपान के समय ब्रेस्ट का आकार सूजन के कारण बढ़ जाता है। हल्दी और नीम का मिश्रण एक आयुर्वेदिक उपाय है जिससे आप ब्रेस्ट की सूजन को कम कर सकती हैं और उन्हें सही आकार का बना सकती हैं। इस उपाय के लिए मुट्ठी भर नीम की पत्तियां 4 कप पानी में गलाएं। अब इस मिश्रण को छान ले और दस मिनट तक रखे रहने दें। अब इसमें दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और थोड़ा सा शहद भी मिला ले। इस मिश्रण को अच्छे से घोल लें और गरम-गरम ही इसे पी जाएं। ब्रेस्ट साइज को कम करने के लिए कुछ महीनों के लिए इस उपाय को करते रहे। यह उपाय तभी करें जब आप बच्चों को फीड करना बंद कर चुकी हों। क्या रात को अंडरवियर उतारकर सोना होता है फायदेमंद ?
एग वाइट:- एग व्हाइट को ब्रैस्ट कम करने के लिए बेस्ट होम रेमेडी माना जाता है। यह आपकी चेस्ट के हिस्से को टाइट करता है और ट्रिम करने में मदद करता है जिससे आपके ब्रेस्ट कम साइज के दिखाई देते हैं। इसको ब्रेस्ट पर लगाने के लिए अंडे से एग व्हाइट को अलग कर लें और इस को एक स्मूथ क्रीम बनने तक व्हिस्क (फेटे) करें। अब इस क्रीम को अपने ब्रेस्ट के नीचे के हिस्से में लगा ले। इसे 30 मिनट तक लगे रहने दे। अब एक प्याज का जूस बना लें और उसे एक गिलास पानी में मिलाएं। अब इस प्याज के जूस से एग व्हाइट को साफ करें। फिगर कम करने के लिए इसको रोजाना दिन में एक बार करें।
अदरक:- अदरक आपके शरीर के पाचन शक्ति (metabolic rate) को बढ़ाता है, जिससे आपको फैट बर्न या चर्बी घटाने में मदद मिलती है। ब्रेस्ट ज्यादातर फैटी टिशु से बने होते हैं और अदरक आपके स्तनों के फैट को कम करने में मदद करता है जिससे ब्रेस्ट का साइज भी कम होता है। अदरक का इस्तेमाल करने के लिए उसको छील के कस (grate) ले। अब एक कप पानी में एक चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक मिलाएं और इस मिक्सचर को 10 मिनट तक गर्म करें। इस मिक्सचर को छान लें और धीरे-धीरे पिए। रोजाना दिन में 2-3 कप अदरक की चाय का सेवन करें। इसमें आप चाहें तो शहद भी मिला सकती हैं।
ग्रीन टी:- ग्रीन टी पीना वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है। ग्रीन टी में मौजूद केटेचिंस (Catechins) शरीर के में जमा चर्बी को घटाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह आपकी ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को भी कम करते हैं। ग्रीन टी बनाने के लिए गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां डालें। इसको ढक दें और कुछ देर के लिए पत्तियों को पानी में रहने दें। अब इसको छानकर पी जाएं। रोजाना ग्रीन टी के 3-4 कप पिए और चाहे तो इसमें शहद भी मिलाये।