संसद पर हमला करने वाले आतंकियों को पकड़ने की कई बार कोशिश की गई। लेकिन आज भी वे तीनों भारत की गिरफ्त से बाहर हैं। जानकारी के मुताबिक भारत के वो तीनों दुश्मन पाकिस्तान की पनाह में हैं।
नई दिल्ली: संसद पर आतंकी हमले की आज 17वीं बरसी है। साल 2001 में आज ही के दिन यानी 13 दिसंबर को एनडीए शासनकाल में संसद पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया था। उस हमले में 5 आतंकियों समेत 14 लोग मारे गए और 18 घायल हुए थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि इस पूरे घटनाक्रम को पाकिस्तान में बैठे 3 खूंखार आतंकी मौलाना मसूद अजहर, गाजी बाबा उर्फ अबू जेहादी और तारिक अहमद ने अंजाम दिया था। उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और अब नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा सरकार देश में शासन कर रही है।
लेकिन लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाली संसद पर आतंकी हमले के असल गुनहगारों को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है। यूं तो भारत ने उन तीनों आतंकियों को पकड़ने की कई बार कोशिश की, लेकिन आज भी वे तीनों भारत की गिरफ्त से बाहर हैं। जानकारी के मुताबिक भारत के वो दुश्मन पाकिस्तान की पनाह में हैं। जिनमें से एक आज भी भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आता, आपको बताते हैं कि भारत के वो दुश्मन कौन हैं और अब क्या कर रहे हैं।
मौलाना मसूद अजहर
कुख्यात आतंकियों में मौलाना मसूद अजहर का नाम शीर्ष पर आता है, 1994 में श्रीनगर में घूम रहे जैश-ए-मोहम्मद के अजहर को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। इस आतंकी को छुड़ाने के लिए 1995 में उसके साथियों ने कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा किया। हालांकि इनमें से एक भागने में कामयाब रहा, जबकि बाकी सारे पर्यटक मारे गए थे। इसके बाद 1999 में कंधार विमान अपहरण कर आंतकी ने मसूद अजहर को छुड़ाने में कामयाब हो गए थे। वाजपेयी शासनकाल में भारत से छुटने के बाद ही उसने भारतीय संसद पर हमले साजिश रची थी।
वो यहीं नहीं ठहरा, माना जाता है कि 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में भी उसकी अहम भूमिका थी। 2016 के पठानकोट आतंकी हमले में भी उसकी भूमिका संदिग्ध मानी जाती है। भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने अजहर और उसके भाई को इस वारदात के लिए दोषी माना था। इसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी करतूतों को बेनकाब किया, उसके बाद इंटरपोल ने उसके खिलाफ दूसरी बार रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। भारत की कोशिश रही है कि अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाए, जिस पर अमेरिका सहमति जताता है। लेकिन इस मामले में चीन हमेशा वीटो लगा देता है।
उसके संगठन जैश-ए-मोहम्मद को भारत समेत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे कई देश आतंकी ग्रुप घोषित कर रखा है। जबकि पाकिस्तान में एक तरह से उसे हीरो का दर्जा मिला हुआ है। भारत के सबूत देने के बाद भी पाकिस्तान उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेता। मुंबई आतंकी हमले के बाद भी पाक ने उसे गिरफ्तार करने से मना कर दिया। उसने यहां तक कहा कि उसे नहीं पता कि अजहर कहां रहता है, जबकि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि पाक के भावलपुर में रहता है। साथ ही वह पाक की कुख्यात आईएसआई का दुलारा बना हुआ है। कई बार पाक जनता को संबोधित करते हुए उसके वीडियो भी वायरल हुए, लेकिन पाक सरकार को कुछ भी पता नहीं रहता।
शाह नवाज खान उर्फ डॉक्टर
भारतीय संसद पर हमले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले शाह नवाज खान उर्फ गाजी बाबा को अगस्त 2003 में श्रीनगर के पास मार गिराया गया। उस पर न सिर्फ संसद पर हमले करने बल्कि जम्मू-कश्मीर में कई आत्मघाती हमले का दोषी माना जाता है। एक ऑपरेशन के तहत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 11 घंटे चले इनकाउंटर में पाक आंतकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद के चीफ कमांडर (ऑपरेशंस) गाजी को उसके साथियों के साथ नूरबाग में मार दिया। उसके कई नाम थे, अबू जेहादी, शहबाज खान, अबू हिजारत। लेकिन सबसे अपने लोगों में उसका सबसे चर्चित नाम था डॉक्टर। यह आतंकी 1999 में कंधार विमान अपहरण का मास्टरमाइंड माना जाता है। मौलाना अजहर को छुड़ाने के लिए 1995 में विदेशी पर्यटकों के अपहरण के पीछे भी इसी का नाम था।
तारिक अहमद
संसद पर आतंकी हमले के एक और मास्टरमाइंड था तारिक अहमद, जो गाजी बाबा के साथ काम करता था। और उसी के कहने पर एक ऑपरेशन की योजना बनाना शुरू किया। इस बीच उसकी मुलाकात मसूद अजहर से हुई और फिर इन तीनों ने अपनी खतरनाक योजना को आगे बढ़ाया। हमले के बाद भी तारिक पाकिस्तान में ही रह रहा था। हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उसके बार में बताया जाता है कि उसकी मौत हो चुकी है। हालांकि कोई एजेंसी अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं करती।