सुप्रीम कोर्ट से राफेल सौदे पर मोदी सरकार को मिली क्लीन चिट
न्यायालय के फैसले ने जहां सरकार को बहुत बड़ी राहत दी है वहीं विपक्ष के लिए यह तगड़ा झटका है। अब विपक्ष इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच करवाने की मांग कर रहा है। बहरहाल हम आपको बताते हैं इस सौदे को लेकर न्यायालय ने क्या-क्या बड़ी बाते कहीं।
1. राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई अवसर नहीं है।
2. हमें लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश लड़ाकू विमानों के बगैर नहीं रह सकता है।
3. राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत पर निर्णय लेना अदालत का काम नहीं है।
4. हमें फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
5. न्यायालय ने कहा कि सितंबर 2016 में जब राफेल सौदे को अंतिम रूप दिया गया था, उस वक्त किसी ने खरीद पर सवाल नहीं उठाया था।
6. उच्चतम न्यायालय ने माना कि भारतीय वायुसेना में राफेल की तरह के चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को शामिल करने की जरूरत है।
7. न्यायालय ने कहा कि वह सरकार को 126 या 36 विमान खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।
8. न्यायालय ने कहा कि राफेल सौदे पर सवाल उस वक्त उठे जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद ने बयान दिया, यह न्यायिक समीक्षा का आधार नहीं हो सकता है।
9. शीर्ष अदालत ने कहा कि कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है।
10. पीठ ने कहा कि खरीदी, कीमत और ऑफसेट साझेदार के मामले में हस्तक्षेप के लिए उसके पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है।