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अर्जुन पुरस्कार विजेता सीए कटप्पा इलीट मुक्केबाजों के नए मुख्य कोच नियुक्त

नई दिल्ली, 14 दिसम्बर । एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमित पंघल और गौरव सोलंकी, 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले मंदीप जांगरा और सचिन सिवाच, पूर्व यूथ वर्ल्ड चैम्पियन और विश्व चैम्पियनशिप पदकधारी शिवा थापा और गौरव भिदुरी उन 50 इलीट मुक्केबाजों में शामिल हैं, जो 10 दिसम्बर से पटियाला स्थित भारतीय खेल संस्थान में जारी इलीट पुरुष मुक्केबाजी कैम्प में हिस्सा ले रहे हैं। यह कैम्प 15 जनवरी, 2019 तक चलेगा और इसमें 14 कोच खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध हैं। इन कोचों की अगुवाई परफॉरमेंस डाइरेक्टर सैंटियागो निएवा कर रहे हैं।
इलीट मुक्केबाजी पुरुष कैम्प के लिए बुलाए गए 50 खिलाड़ी
राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक (42 किग्रा) और पीएल प्रसाद (52 किग्रा) भी इस कैम्प में हिस्सा ले रहे हैं। 2018 राष्ट्रमंडल खेल कांस्य पदक विजेता मनोज कुमार थोड़े समय बाद कैम्प में शामिल होंगे। मनोज अभी पटियाला में ही रिहैब में हिस्सा ले रहे हैं।
स्टैंडर्ड गाइडलाइंस के मुताबिक इस सूची को ट्रायल के बाद 46 खिलाड़ियों और 12 कोचों तक सीमित कर दिया जाएगा। कैम्प में शामिल खिलाड़ियों को ओवरआॅप परफार्मेंस का रिव्यू होने के बाद असल संख्या में खिलाड़ी कैम्प में शामिल होंगे।
चुने गए मुक्केबाज इसके बाद 16 जनवरी से शुरू हो रहे कैम्प में हिस्सा लेंगे। ये खिलाड़ी आगामी एशियाई चैम्पियनशिप (अप्रैल) और सितम्बर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए तैयारी करेंगे। विश्व चैम्पियनशिप को ओलम्पिक क्वालीफायह का दर्जा प्राप्त है। सभी मुक्केबाजों के लिए राष्ट्रीय कैम्प में हिस्सा लेना अनिवार्य है क्योंकि अलग-अलग कटेगरी में व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर ही अगले साल होने वाले सभी बड़े आयोजनों के लिए खिलाड़ियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
यह कैम्प सभी इलीट मुक्केबाजों के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि टोक्यो ओलम्पिक-2020 के लिए फाइनल कट भी इन्हीं सम्भावितों में से तैयार किया जाएगा। इस बीच, द्रोणाचार्य अवार्डी सीके कटप्पा को राष्ट्रीय टीम का मुख्य कोच बनाया गया है। कटप्पा भारतीय कोचों की अगुवाई करेंगे। सेना से आने वाले कटप्पा युवा प्रतिभाओं की तलाश के मामले में महारथ रखते हैं और उन्हें ओलम्पिक पदक विजेता विजेंदर सिंह और सुरंजय सिंह जैसे चैम्पियन खिलाड़ियों को निखारने का श्रेय दिया जाता है। मैसुरू निवासी 40 साल के कटप्पा की महारथ हर मुक्केबाज के दिमाग को पढ़ने में है और इसी कारण वह व्यक्तिगत काबिलियत के आधार पर तैयारी कराते हैं।

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