अगर रुक-रुक कर आता है पेशाब तो यमराज के करीब हैं आप
पेशाब रुक-रुक कर आए और जलन हो रही हो तो बिल्कुल भी देर न करें। आप बहुत बड़े खतरे में हो सकते हैं, बचाव ही उपाय है तो समय रहते संभल जाएं। लंग्स कैंसर के बाद सबसे तेजी से फैलने वाला प्रोस्टेट कैंसर है। इसका खुलासा पीजीआई के यूरोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार ने किया है। उनके मुताबिक चंडीगढ़, मुंबई, दिल्ली, कलकत्ता में सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर डिटेक्ट हुआ है। वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ में पिछले पांच सालों में प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों का आंकड़ा पहले से पांच गुना बढ़ गया है।
पिछले एक सप्ताह में पीजीआई में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो मरीजों का आंकड़ा करीब 250 से 300 के बीच पहुंच गया है। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम प्रोस्टेट कैंसर से कैसे घिरते जा रहे हैं। रूरल एरिया के लोग सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर के चपेट में आए हैं। इसकी मुख्य वजह अस्वस्थ जीवन शैली से मोटापे का बढ़ना है जो प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकता है। वैसे यह आमतौर पर अनुवांशिक देखा गया है। प्रोस्टेट कैंसर को ‘साइलेंट किलर’ के नाम से भी जाना जाता है।
क्या है प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट पुरुषों के शरीर की एक ग्रंथि है, जो वीर्य को बनाने में मदद करता है। प्रोस्टेट उस नली से जुड़ी होती है जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालता है। युवा आदमी का प्रोस्टेट लगभग एक अखरोट के बराबर होता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। जिसके कारण कैंसर जैसी समस्याएं होती है।
45 साल के बाद हर दो साल के अंतराल पर कराएं पीएएसए
इस कैंसर का पता करने का आसान तरीका किसी भी पुरुष द्वारा एक निश्चित अंतराल पर साधारण रक्त परीक्षण कराते रहना है। इस रक्त परीक्षण को प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजेन (पीएएसए) कहते हैं। यह शरीर का एक रसायन है। इसका लेवल बढ़ने पर प्रोस्टेट कैंसर की आशंका रहती है। यह परीक्षण हर दो साल के अंतराल पर 45 साल की आयु के बाद करवाया जाता है।
लक्षण
पेशाब रुक-रुक कर आना। पेशाब करते समय जलन होना। रात के समय बार-बार पेशाब आना। पेशाब करते समय खून आना। शरीर में लगातार दर्द बना रहना। ज्यादा देर तक पेशाब को रोक न पाना।
कारण
ज्यादा रेड मीट खाना। फैटी डाइट खाना। तय मानक से ज्यादा वजन बढ़ना। व्यायाम की कमी। परिवार में पहले किसी को होने पर घर के सदस्यों में संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। जिन पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम होती है उनको भी प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा होता है। लिंग गुणसूत्रों में गड़बड़ी के कारण भी प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है।