सीएम बनते ही कमलनाथ ने किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी पर फैसला लिया है। उन्होंने किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का फैसला लेते हुए कर्जमाफी से जुड़ी फाइलों पर हस्ताक्षर किए। कमलनाथ ने तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में इस महत्वपूर्ण फाइल पर हस्ताक्षर किए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालते ही कमलनाथ ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के ‘वचन पत्र’ (घोषणा पत्र) में किसानों के कर्ज माफ करने के किये गए वादे के अनुसार सोमवार शाम सबसे पहले किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की फाइल पर हस्ताक्षर किए।
कांग्रेस ने किया था वादा
मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, सोमवार शाम जारी आदेश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश शासन एतद् द्वारा निर्णय लिया जाता है कि मध्यप्रदेश राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल रिण के रूप में शासन द्वारा पात्रता अनुसार पात्र पाए गए किसानों के दो लाख कुपये की सीमा तक का 31 मार्च 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ किया जाता है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस साल सात जून को मंदसौर जिले की पिपल्या मंडी में एक रैली में घोषणा की थी कि अगर मध्यप्रदेश में उनकी सरकार सत्ता में आई तो वह 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर देगी। 11वां दिन नहीं लगेगा। इसके बाद, कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी को अपने ‘वचन पत्र’ में शामिल किया था।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी ने वादा किया था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है तो किसानों की कर्जमाफी पर 10 दिन के भीतर फैसला लिया जाएगा। अपनी हर रैली में राहुल और कमलनाथ ने इस वादे को दोहराया था। आज शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने पहला फैसला भी इसी पर लिया।
चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत पार्टी की पूरी ब्रिगेड केन्द्र की मोदी सरकार को उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली सरकार बताती रही। इसके साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने लगातार किसानों की बदहाली, कर्ज के बोझ में दबे किसान और यूपीए सरकार के समय में किसानों का 70 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने की नीति बढ़ चढ़कर बताई।
एक इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा था कि मैं वाणिज्य और उद्योग मंत्री रह चुका हूं और मुझे मालूम है कि अर्थव्यवस्था कैसे चलती है। इस राज्य के 70 प्रतिशत लोगों की जिंदगी खेती पर निर्भर करती है। केवल किसान ही नहीं, ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी की दुकान चलाते हैं और दूसरे खेतों में ट्रैक्टर चलाते हैं। ऐसे भी गरीब लोग हैं जो कृषि क्षेत्र में मजदूरी का काम करते हैं।