महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के अंधेरी स्थित कामकार अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के आदेश मंगलवार को दिए। बता दें कि अंधेरी स्थित ईएसआईसी अस्पताल में सोमवार को लगी आग में नौ लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग जख्मी हो गए। मुख्यमंत्री ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी बात की है। फडणवीस ने पीड़ित परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है। बीएमसी की आपदा प्रबंधन इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि घायलों में 25 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
जबकि 26 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि 325 बिस्तरों वाला ईएसआईसी कामगार अस्पताल अंधेरी में स्थित है। इसका निर्माण 1970 के दशक में हुआ था। पुलिस और अस्पताल के सभी लोगों ने भवन को खाली कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि छह लोगों की सोमवार को आग में जलने से मौत हो गई जबकि दो अन्य की बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हुई। दमकल विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक पांच मंजिला अस्पताल में उस वक्त मरीजों एवं आगंतुकों समेत करीब 375 लोग मौजूद थे जब सोमवार को करीब चार बजे उसके चौथे तल से आग और धुआं उठने की बात सामने आई। उन्होंने बताया कि आग सात बजकर 35 मिनट पर बुझा ली गई थी और अस्पताल प्रशासन ने अगले नोटिस तक उसे बंद कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘छह माह की बच्ची समेत ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई।’ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में प्रसव प्रक्रिया से गुजरने वाली मांएं हाथों से बच्चों को छुपा कर इमारत से भागी और जान बचाई। कांच से बनी इमारत के सामने का हिस्सा मार्ग को बाधित कर रहा था और अंदर जाने में रुकावट पैदा कर रहा था और इस वजह से दमकल कर्मियों को अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए सभी तलों पर लगे कांच तोड़ने पड़े। एमआईडीसी इलाके के उपप्रमुख दमकल अधिकारी मिलिंद ओग्ले ने बताया कि अस्पताल के पास आग लगने से निपटने के तय मापडंदों संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था। उन्होंने बताया, ‘अस्पताल ने एक पखवाड़े पहले अपने निर्मानाधीन इमारत के लिए अंतिम एनओसी के लिए आवेदन किया था जो आग की चपेट में आने वाली पुरानी इमारत से सटी हुई है।’