केंद्र सरकार ने टू व्हीलर चालकों की सुरक्षा के लिए नए मानक तय कर दिए हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 15 जनवरी से हेलमेट बनाने वाली कंपनियो को नये मानकों का पालन करना होगा। अगर कंपनियों ने इन मानकों का पालन नहीं किया तो दो साल की जेल या फिर 2 लाख रूपये तक का जुर्माना लग सकता है। यह मानक हेलमेट की बिक्री करने वालों पर भी लागू होंगे।
मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि 15 जनवरी 2019 के बाद सिर्फ आईएसआई प्रमाणित हेलमेट्स ही बेचे जाएंगे। इन हेलमेट्स को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड के आई 4151:2015 के मानकों पर खरे होने चाहिए। आईएस 4151:2015 के नये मानकों के अनुसार नये हेलमेट का वजन 1.2 किलोग्राम होना चाहिए। फिलहाल यह सीमा 1.5 किलोग्राम है। बिना आईएस मानक बनाने, बेचने और भंडारण करने वालो पर कानूनी कार्रवाई होगी। साथ ही इंडस्ट्रियल हेलमेट पहनने वालो पर भी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के इस कदम का हेलमेट निर्माताओं ने स्वागत किया है। सटीलबर्ड हेलमेट्स के एमडी राजीव कपूर का कहना है कि नॉन-आईएसआई मार्क वाले हेलमेट बेचना नकली दवा बेचने जैसा खतरनाक है। जिस तरह नकली दवा हानिकारक होती हैं उसी तरह से नकली हेलमेट बनाना या फिर पहनना जानलेवा होता हैं। कंपनी ने नए मानकों के अनुसार हेलमेट बनाए जाने का ऐलान किया है। कंपनी ने नए मानकों के मुताबिक बदलाव कर दिया है और नए मानकों को पूरा करने के लिए बीआईएस की ओर से जरुरी अनुमति और सर्टीफिकेश प्राप्त कर लिया हैं। स्टील बर्ड आईएस 4151:2015 की अनुमति लेने वाली पहली हेलमेट कंपनी बन गई है।