नेपाल में हिंसा में 20 मरे, मधेश धड़ ने बनाई समानांतर सरकार
काठमांडो (एजेंसी)। नेपाल में नए संविधान में संघीय ढांचे की व्यवस्था के प्रस्ताव के खिलाफ उठे आंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया है। पथराव और फायरिंग में एसएसपी समेत 20 लोगों की मौत हो गई। नेपाल के कई हिस्सों में हिंसा की खबरें आ रही हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि इस राजनीतिक गतिरोध को जल्द काबू में कर लिया जाएगा। नेपाल में सेना को एलर्ट कर दिया गया है। संविधान के मौजूदा मसौदे का विरोध कर रहे संयुक्त मधेशी मोर्चा के उग्र धड़े ने नेपाल में समानान्तर सरकार की घोषणा कर दी है। उग्र धड़े ने इसे मधेश सरकार का नाम दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि मधेशियों की मांगों पर अमल नहीं किया गया तो नेपाली सेना की तर्ज पर मधेशी सेना का भी गठन किया जा सकता है। इस नए संकट की वजह से नेपाल सरकार ने संविधान की घोषणा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। मधेश सरकार की घोषणा से पहाड़ी और तराई नागरिकों के बीच तनाव बढ़ गया है। हालांकि मधेशी मोर्चा के नेता सांसद अभिषेक शाह, पूर्व मंत्री बृजेश गुप्ता जैसे जिम्मेदार नेता नेपाल के विभाजन के दावे को खारिज करते हैं, मगर सच्चाई यह भी है कि उग्र धड़ा इन नेताओं के काबू में नहीं है। वहीं दूसरी तरफ नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री कामरेड प्रचंड और सीनियर लीडर बाबूराम भटृटराई का कहना है कि संविधान घोषणा के बाद उसमें विचार विमर्श और संशोधन की गुंजाइश रखी गई है। नेपाल की कुल जनसंख्या लगभग चार करोड़ है, जिसमें तकरीबन डेढ़ मधेशी है। इनका प्रतिनिधित्व करने वाले सभी मधेशी दलों की मांग है कि नेपाल में प्रांतों के सीमांकन को बदल कर अलग से एक स्वायत्त मधेश प्रांत का गठन किया जाए। इसके लिए मधेश समर्थक सभी 19 राजनीतिक दलों ने संयुक्त मधेशी मोर्चा बनाया है और बीते एक सप्ताह से नेपाल में आंदोलन छेड़ रखा है।
मधेश सरकार का ऐलान 19 दलों के गठबंधन वाले संयुक्त मधेशी मोर्चा के एक नेता दीपक पांडेय ने किया है। दीपक मधेशियों के सबसे बड़े राजनीतिक दल मधेशी जनाधिकार फोरम के सचिव हैं। मधेश सरकार के सैकड़ों समर्थकों ने शाम को कपिलवस्तु जिला मुख्यालय पर डीएम कार्यालय से चंद कदम दूरी पर स्थित महेंद्र गेट पर बैनर भी टांग दिया है। यहां दीपक पांडेय ने ऐलान किया कि अगर मधेशियों को स्वायत्त प्रदेश नहीं दिया गया तो वह जल्द ही मधेश सेना का भी गठन करेंगे।
इससे पहले आहूत हड़ताल में रविवार को पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, हमने काठमांडो में सड़कें अवरूद्ध करने का प्रयास कर रहे 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। हड़ताल के कारण राजधानी काठमांडो में स्कूल, कॉलेज, बाजार आंशिक रूप से बंद रहे। नेपाल स्वदेशी राष्ट्रीयता महासंघ ने हड़ताल का आहवान किया है। उसने नए संविधान में अधिक अधिकार और प्रतिनिधित्व की मांग की है।
प्रदर्शनकारी नेपाल को नई संघीय इकाइयों में बांटने का भी विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रस्तावित संविधान में कमजोर समुुदायों, मधेसियों की अनदेखी की गई है।