इस गलती की वजह से हमेशा के लिए जा सकती है नवजोत सिंह सिद्धू की आवाज
नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे जी हां आपको बता दें की ये हमेश से ही अपने भाषण और बोलने की शैली से जाने जाते है। ये पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री है इसके अलावा इन्हे कॉमेडी शो द कपिल शर्मा शो में भी आपने देखा होगा। पर आज इनसे जुड़ी जो खबर सामने आई है उसे सुनकर हर कोई हैरान हो गया है। जी हां आपको बताते चलें की सिद्धू जो अपनी आवाज के लिए ही जाने जाते थें उनपर एक बड़ा खतरा आ गया है।
जी हां आपको जानकर हैरानी होगी की डॉक्टरों ने सिद्धू की आवाज को खतरा बताया है और इतना ही नहीं ये भी बताया जा रहा है की ऐसा इसलिया हुआ क्योंकि वो इधर बीच कई राज्यों के कई जिले में कांग्रेस का चुनाव प्रचार कर रहे थें जिसकी वजह से ये नौबत आ गई की वो अपनी आवाज खोने की कगार पर पहुंच गए हैं। अब बात इतनी गंभीर हो गई है की डॉक्टरों ने उन्हें पांच दिन कंप्लीट रेस्ट की सलाह दी है। बताया जाता है कि डॉक्टरों ने कहा है कि अब यदि अधिक बोला तो उनकी आवाज जा सकती है।
आपको शायद पता नहीं होगा लेकिन बताते चलें की इस चुनाव की तैयारी के लिए सिद्धू ने खुब मेहनत की है जी हां अगर रिपोर्ट की मानेंं तो सिद्धू पिछले दिनों 17 दिवसीय चुनाव अभियान पर थे जिसमें उन्होंने 70 से अधिक सार्वजनिक बैठकों में लोगों को संबोधित किया था। उन्होंने मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस के लिए चुनावी सभाओं को संबोधित किया। जिसकी वजह से डॉक्टरों का कहना है की लगातार भाषण देने के कारण उनकी वोकल कॉर्ड्स को काफी नुकसान पहुंचा। मेडिकल हेल्प लेने पर डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि मामला बहुत गंभीर है। वह अपनी आवाज खोने के कगार पर थे।
डॉक्टरों की मानें तो सिद्धू को लिरिंगजाइटिस नामक बीमारी हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है की जब शरीर उत्साह से भरा हो और दिमाग तथा शरीर लगातार तेज बोलने को लेकर प्रेरित कर रहा हो और गला आपका साथ न दे तो इसे लिरिंगजाइटिस की बीमारी कहते हैं। इसे लेकर उन्हें पांच दिनों तक एकदम चुप रहने की सलाह डाक्टरों ने दी है। जानकारी के अनुसार बता दें की लगातार हेलीकॉप्टर और विमान यात्रा करने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है।
वह पहले ही एंबोलिज्म (धमनी में खून का थक्का जमना या हवा का बुलबुला बनना) के लिए उपचार करवा रहे थे। उन्हें कुछ साल पहले अत्यधिक हवाई यात्रा करने के कारण डीप वेन थ्रोबोसिस (डीवीटी) का सामना करना पड़ा था। डॉक्टरों का मानना है की ऐसे मामलों में गले में ज्यादा बोलने के कारण संक्रमण हो जाता है। एंटी एलर्जिक दवाइयों के साथ स्टीम लेकर कम से कम पांच दिनों तक चुप रहकर गले को रेस्ट देना पड़ता है। अगर वो कम्पलीट रेस्ट लेते है तभी वो दोबारा बोलने के लिए तैयार हो पाएंगे वरना वो कभी बोल नहीं पाएंगे।