पतियों को तलाक देकर 2 महिलाओं ने आपस में की शादी
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। शुक्रवार को दो तलाकशुदा महिलाओं ने मंदिर में एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर समलैंगिक शादी कर ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद दोनों अपनी शादी रजिस्टर कराने रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंची थीं। यहां दोनों ने सात फेरों वाली कसम न खाकर 7 वादों का एफीडेविट दिया। हालांकि दोनों की शादी रजिस्टर्ड नहीं हो पाई।
एफीडेविट में एक-दूसरे से किए ये 7 वादे
राठ निवासी प्रीतम सिंह की बेटी अभिलाषा ने अपने को पति और कधौली गांव के सुग्रीव कुमार की बेटी दीपशिखा ने मंदिर में खुद को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। दोनों ने जो एफीडेविड दिया उसमें ये वादे लिखे।
1. दोनों निजी या सरकारी संस्थान में नौकरी करेंगी और इस पर एक-दूसरे को कोई एतराज नहीं होगा।
2. किसी भी गैर मर्द से शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगी। बच्चे पैदा करने की इच्छा नहीं रखेंगी।
3. दोनों सहमति से नाबालिग बच्चा या बच्ची गोद ले सकेंगी।
4. कोर्ट में एक-दूसरे के खिलाफ कोई फरियाद या शिकायत नहीं करेंगी।
5. बैंक में ज्वाइंट अकाउंट खोलेंगी।
6. दोनों में से एक का अपने माता-पिता, भाई-बहन और पूर्व पति की चल-अचल संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा, न ही जताएगी।
7. दूसरी युवती अपने पिता के नाम दर्ज मकान में रहेगी और पिता की मौत के बाद उस पर मालिकाना हक रखेगी। वह माता, भाई, बहन को मकान से बेदखल नहीं करेगी।
दोनों की मुलाकात सात साल पहले गांव में हुई थी। दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, उन्हें पता ही नहीं चला। इस दौरान दोनों की शादी हो गई और वह अपने-अपने ससुराल चली गईं। ससुराल में दोनों का मन नहीं लगा। दोनों ने कुछ ही दिनों में अपने पति से तलाक ले लिया और शादी करने का फैसला लिया।
इस वजह से कोर्ट में रजिस्टर्ड नहीं हो पाई शादी
एफीडेविड देने के बाद भी दोनों महिलाओं की शादी रजिस्टर्ड नहीं हो पाई। दोनों युवतियों ने बताया कि उनके परिजन इस शादी के खिलाफ हैं, इसलिए वे अकेले ही शादी रजिस्टर्ड कराने आईं थीं। रजिस्ट्रार अजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक शादी को सामाजिक मान्यता देने से जुड़ा शासन आदेश विभाग में नहीं पहुंचने का हवाला देकर शादी रजिस्टर्ड करने से मना कर दिया। हालांकि उनके डॉक्यूमेंट्स लेकर कानून के तहत कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
सब रजिस्ट्रार रामकिशोर पाल ने बताया कि शादी रजिस्टर्ड कराने आईं महिलाओं में से एक की उम्र 26 साल और दूसरी की 21 साल है, जो शादीशुदा और एक बच्चे की मां है। वकील दयाशंकर तिवारी ने बताया कि 21 साल की महिला उनकी क्लाइंट है और एक बच्चे की मां है, उसके पिता टीचर हैं। जबकि दूसरी 26 साल की महिला एक मजदूर की बेटी है।