पीटीआई से बातचीत में बट ने कहा, ‘स्पॉट फिक्सिंग मामले में फंसने के बाद मैं ऐसे विवादों से दूर रहने की कोशिश करता हूं। मैं खुश हूं की आईसीसी इसकी जांच कर रही है, क्योंकि इसमें कई खामियां थी। मैंने वहां सिर्फ दो मैच खेले और फिर दुबई चला गया। मैं वहां इस लिए गया था क्योंकि मुझे लाहौर की वनडे टीम में नहीं चुना गया था। लेकिन, जब मै वहां पहुंचा तब मुझे पता चला कि यह एमेच्योर टूर्नामेंट हैं, जहां ना तो कोई मैच रेफरी था, ना ही आईसीसी एंटी करंप्शन यूनिट का अधिकारी और स्कोरर।’
बता दें कि बट और तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ पर स्पॉट फिक्सिंग के मामले में 2010 में पांच साल का प्रतिबंध लगा था। ये दोनों खिलाड़ी पाकिस्तान के कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ इस निजी टूर्नामेंट का हिस्सा थे।