सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को सीमित शक्तियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने फिर बहाल कर दिया है। इस फैसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोर्ट के फैसले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। संस्था की साख बचाने के लिए सीवीसी रिपोर्ट के आधार पर छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला लिया गया था।
- जेटली बोले, CVC की सिफारिश पर ही आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया।
- वित्त मंत्री ने कहा, हो सकता है SC की मंशा CBI की विश्वसनीयता बनानी हो।
- अरुण जेटली ने यह भी कहा कि कोर्ट के फैसले का सरकार सम्मान करती है।
- वित्त मंत्री ने फैसले को सरकार के लिए झटका मानने से इनकार किया।
नई दिल्ली: सीबीआई डायरेक्टर को छुट्टी पर भेजने के फैसले को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को फिर से सीमित शक्तियों के साथ बहाल कर दिया है। कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार के लिए झटके के तौर पर माना जा रहा है, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे संतुलित फैसला करार दिया। सरकार ने यह फैसला सीवीसी की सिफारिश पर एक संस्था के तौर पर सीबीआई की साख बचाने के लिए लिया था। कोर्ट के फैसले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। अरुण जेटली ने कोर्ट के फैसले से अलग सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, ‘फैसले की कॉपी अभी तक हमारे पास उपलब्ध नहीं है, इसलिए उस पर प्रतिक्रिया देना संभव नहीं है। हमने अभी फैसला नहीं पढ़ा है। सीबीआई में चल रहे विवाद के बाद एक संवैधानिक संस्था को बचाए रखने के उद्देश्य से डायरेक्टर को छुट्टी पर भेजने का फैसला सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया।’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘एक संस्था के तौर पर सीबीआई की साख बरकरार रहे और दो अधिकारी जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उनकी निष्पक्ष जांच हो इसके लिए दोनों ही अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया। सीबीआई में भ्रष्टाचार की घटनाओं पर जांच का अधिकार सीवीसी का होता है।’ जेटली ने कहा कि अभी तक उन्होंने विस्तारपूर्वक फैसला नहीं पढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि कोर्ट ने इस आधार पर फैसला दिया कि सीबीआई का डायरेक्टर अपने अधिकार से कुछ समय के लिए भी वंचित होता है तो वह कमिटी के पास जाना चाहिए। सीबीआई संस्था के तौर पर विश्वसनीयता इससे बढ़ती है तो यह स्वागत योग्य है। कोर्ट ने साथ ही अस्थायी तौर पर सीमित शक्तियों के साथ डायरेक्टर को बहाल करने का फैसला दिया है। कोर्ट ने यह मुद्दा कमिटी के पास भेजा है जब जजमेंट विस्तार से पढ़ा जाएगा, उसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।