नई दिल्ली : कांग्रेस ने ट्रांसजेंडर अप्सरा रेड्डी को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस (एआईएमसी) की राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। अप्सरा रेड्डी की पहचान एक तेज-तर्रार पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में होती है। कांग्रेस पहली पार्टी हैं जिसने एक ट्रांसजेंडर को अपना महासचिव बनाया है। इतना बड़ा पद मिलने के बाद आज अप्सरा रेड्डी को सभी लोग सलाम कर रहे हैं। कांग्रेस ने रेड्डी को बड़ी जिम्मेदारी दी है। रेड्डी कॉलेज के दिनों से ही सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं और चाइल्ड रेप के कई हाई-प्रोफाइल मामलों को उठा चुकी हैं। गौरतलब है कि अप्सरा रेड्डी राजनीति की दुनिया में नई नहीं हैं। वह बीजेपी में भी शामिल रह चुकी हैं, हालांकि एक महीने बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। रेड्डी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी में स्वतंत्र विचारों वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। इसके साथ ही वह एआईएडीएमके के साथ भी काम कर चुकी हैं।
तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता की भूमिका दी थी। हालांकि जब पार्टी में टकराव शुरू हुआ तो उन्होंने एआईएडीएमके छोड़ दी। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी और राहुल गांधी की जमकर सराहना की। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में जन्मीं अप्सरा रेड्डी का असल नाम अजय रेड्डी था। अप्सरा रेड्डी ने थाईलैंड के येन ही अस्पताल में अपना लिंग परिवर्तन कराया। डॉक्टर सोमभून थामरुन्गरांग ने उनका ऑपरेशन किया था। अप्सरा को पहले 3 महीनों तक देखरेख में रखा गया था। वो 8 महीने तक बैंकॉक में रहीं और उसके बाद अप्सरा की सर्जरी हुई। सर्जरी के अगले 4 दिनों तक अप्सरा अस्पताल में रहीं, जिसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। हॉर्मोन थैरेपी के दौरान उन्हें कई बार खुदकुशी के खयाल भी आते थे। जेंडर बदलवाने से पहले अप्सरा ने कई दिक्कतों का सामना किया है।