इस महिला की इस जिद के आगे झुक गई सरकार, हर किसी को जरूर पढ़नी चाहिए ये कहानी
महिला सशक्तिकरण का ये नायाब उदाहरण की कहानी सुनकर आप भी कहेंगे कि जागरुकता और महिला सशक्तिकरण की यह मूर्ति बनकर लाखों महिलाओं को जुल्म और अन्याय के खिलाफ लड़ने की मिसाल दे रही हैं। जी हां- आज हम आपको छत्तीसगढ़ जैसे छोटे से राज्य की रहने वाली डॉ स्मृति शर्मा की ऐसी कहानी बताएंगे जो हर किसी जाननी चाहिए।
सहायक संचालक डॉ. स्मृति शर्मा सितम्बर 2017 में गुजरात में आयोजित ‘रण उत्सव में शामिल होने पहुंची थीं। उनके साथ उनकी मामी भी थीं। दोनों ने अहमदाबाद से गुजरात के भुज के लिए वोल्वो से महंगी बुकिंग कराई थी। ये यहां से जब निकले तो पता चला कि वोल्वो बस लेट हो गई है। उस वक्त करीब 12 बज रहे थे। थोड़ी ही देर बाद पता चला कि बस संचालक ने पैसेंजर और नॉन लग्जरी बस हमें थमा दी। वह भी बिल्कुल खाली। मुश्किल से बस में 3 से 4 लोग होंगे।
बात सिर्फ पैसों की या आराम की नहीं थी। उन्होंने हमसे चीटिंग की थी। बहुत ही डराने वाला सफर था वह। पूरे रास्ते सहमे हुए थे हम। तीन दिन की बजाय दो दिन ही गुजरात के ‘रण उत्सव में शामिल हो पाये। पहले तो परेशानी से रण उत्सव में देर से पहुंच पाईं। इसकी शिकायत पीएमओ से की तो गुजरात की पुलिस ने पहले टालमटोल किया लेकिन बाद में गुजरात के प्रशासन का गुरुर टूट गया उन्हें इस महिला के आगे झुकना ही पड़ गया। उन्हें महिला अफसर को गुजराती में माफीनामा भेजना पड़ा।
सीधी सी बात थी स्मृति शर्मा के साथ धोखा हुआ था। उन्होंने ठान लिया मनमानी नहीं सहेंगी और रायपुर लौटते ही प्राइम मिनिस्टर ऑफिसर पब्लिक गिवेंस में अपनी शिकायत दर्ज करा दी और न्याय की मांग की। बता दें कि डॉ. स्मृति शर्मा से सीधा संपर्क करके गुजरात पुलिस के इंस्पेक्टर अश्वनि गर्चर का फोन आया। उन्होंने कहा कि आपके साथ जो हमारे राज्य में हुआ उसके लिए माफी चाहता हूं। हमारी तरफ से आपको पैसे रिफंड कराया जाएगा और माफीनामा भेजा जाएगा।
ये बात इन्होंने सितम्बर 2017 में कही थी लेकिन जवाब मई 2018 तक नहीं आया। इधर पीएमओ वेबसाइट पर बता दिया गया कि समस्या का समाधान कर दिया गया है। स्मृति शर्मा ने जब जानकारी ली तो पीएमओ से जवाब आया कि आपकी शिकायत का हल कर दिया गया है। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि चुप नहीं रहना है बल्कि लड़ना है। अक्टूबर 2018 में स्मृति ने फिर पीएमओ की वेबसाइट पर शिकायत करके जानकारी दी कि उनकी समस्या हल नहीं नहीं हुई है और गलत जानकारी दी जा रही है।
पीएमओ में दूसरी बार शिकायत होने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस ने दिसम्बर 2018 में स्मृति शर्मा के खाते में उनके बस ट्रेवल्स की बुकिंग का 1500 रुपए वापस कराया। इसके बाद उन्हें गुजरात की पुलिस ने गुजराती भाषा में माफीनामा भी भेजा। डॉ. स्मृति शर्मा कहती हैं कि मेरी नजर में आत्मसम्मान की रक्षा सही को सही और गलत को गलत करना ही है। यही तो महिला सशक्तिकरण है।