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कर्नाटक पर आया मंकी फीवर का कहर, जाने आखिर क्या है ये बीमारी?

कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में कम से कम 15 लोगों ने  क्यासनूर वन रोग (केएफडी) के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है, जिसे “मंकी फीवर” के रूप में जाना जाता है, जो वह के मूल निवासियों में बहुत ही तेजी से फ़ैल रहा है।

कर्नाटक पर आया मंकी फीवर का कहर, जाने आखिर क्या है ये बीमारी?राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आरपोर्ट का कहना है कि, “सागर तालुक में विशेष रूप से अरलागुडु ग्राम पंचायत में टीकाकरण अभियान दिसंबर 2018 से शुरू किया गया है, अब तक केएफडी के कारण तीन व्यक्तियों की मौत हो गई है।”

वायरस डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज के एक अधिकारी ने कहा, “केएफडी के खिलाफ विशेष टीकाकरण अभियान उस स्थान के 5 किलोमीटर के भीतर तुरंत शुरू किया जाता है, जहां बंदर की मौत की सूचना दी जाती है।”

अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में घरों में सक्रिय बुखार की निगरानी के साथ-साथ उन क्षेत्रों में मेलाथिओन नामक कीटनाशक का वितरण किया है जहां भी बंदर की मौत की सूचना मिली है।

जिला प्रशासन ने एक मृत बंदर से कम से कम 50 मीटर दूर रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।

केएफडी कैसे फैलता है

बंदर विशेष रूप से हनुमान लंगूर और मकाका रेडियाटा रोग के टिक्स के वाहक हैं और मनुष्यों को उनके काटने से यह वायरस फैलता है।

क्यों इसे क्यासनूर वन रोग कहा जाता है

इस बीमारी के वायरसके बारे में पहली बार 1957 में कर्नाटक के क्यासनूर वन रेंज से सूचना मिली थी। उस समय सैकड़ों बंदरों की मौत हो गई थी और तब से अब तक यह बीमारी बंदरों और इंसानों की मौत का कारण बन रही है

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