जनता परिवार में दरार, सपा अकेले लड़ेगी बिहार चुनाव
लखनऊ/पटना/दिल्ली (एजेंसी)। एक बड़े फैसले में जनता परिवार की महत्वपूर्ण सदस्य उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने बिहार विधानसभा का चुनाव अपने बलबूते लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी ने कहा है कि सीट बंटवारे में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) ने उसकी अनदेखी की और महज पांच सीटें थमाकर उसका अपमान किया है।
इस फैसले का ऐलान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने किया। रामगोपाल पहले दिन से राजद-जदयू के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। लखनऊ में फैसले के ऐलान के बाद राजद के नेता रघुनाथ झा जदयू के रामजीवन सिंह के साथ सपा में शामिल हो गए। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को लखनऊ में हुई सपा संसदीय दल की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। पार्टी की संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी के महासचिव राम गोपाल ने बताया, ‘‘हम अपनी पार्टी के महागठबंधन के विलय के पक्ष में नहीं थे। जनता परिवार को जोड़कर एक पार्टी में शामिल होने का मतलब था कि हम अपनी पार्टी के डेथ वारंट पर साइन कर देते।’’ रामगोपाल ने कहा,‘‘हमें जितनी सीटें मिल रही थी उससे ज्यादा जीतेंगे। हम बिहार में अपनी क्षमता के मुताबिक सीट की मांग कर रहे थे।’’ रामगोपाल ने कहा कि बिहार में पार्टी में गठबंधन से बाहर निकलने को लेकर काफी जोरदार आवाज भी उठ रही थी। इसके अलावा टिकट बंटवारे पर पार्टी के बिहार के पदाधिकारी काफी नाराज थे। माना जा रहा है कि सपा बिहार में 15० सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।
रामगोपाल यादव ने इस बात को बकवास बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद यह फैसला हुआ है। पटना में बिहार सपा के अध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने कहा कि महागठबंधन में मुलायम सबसे बड़े नेता हैं। फिर भी लालू-नीतीश गठजोड़ ने उनकी पार्टी को अपमानित किया। उन्होंने कहा कि लालू ने उन्हें हाशिये पर रखने की कोशिश की। अब वह अपनी पार्टी के लिए जान लगा देंगे।
उत्तर प्रदेश राजद के अध्यक्ष अशोक सिंह ने सपा के फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की। लेकिन सपा सूत्रों का कहना है कि गठबंधन से अलग होने का फैसला अंतिम है।
उधर, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुलायम जानते हैं कि जनता परिवार एक डूबता हुआ जहाज है। इसीलिए वह इससे बाहर आ गए। भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बात यह नहीं है कि सपा को महज पांच सीट दी गई थी। बात दरअसल यह है कि सपा समझ चुकी है कि लालू-नीतीश गठबंधन हार रहा है। इसीलिए सपा ने रास्ता बदल दिया।