अभी-अभी: पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम समेत 4 को उम्रकैद की सजा
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। तीन अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 20 साल की सजा खत्म होने के बाद 70 साल की उम्र में ये सजा शुरू होगी।
मामले की संवेदनशीलता और सुरक्षा व कानून व्यवस्था को देखते हुए सजा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच सजा को लेकर जमकर बहस हुई। सीबीआई ने जहां फांसी की सजा की मांग की थी, वहीं राम रहीम के वकील ने रहम और कम से कम सजा की मांग की। वकील ने बाबा द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का हवाला दिया।
तीन दोषियों कृष्ण, निर्मल और कुलदीप को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अंबाला सेंट्रल जेल में सजा सुनाई गई और राम रहीम को सुनारिया जेल में ही सजा सुनाई गई। 16 साल चले इस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने चार आरोपियों को 11 जनवरी को दोषी करार दिया था।
चारों को आईपीसी की धारा 302 और IPC की धारा 120बी के तहत दोषी करार दिया गया। कृष्ण लाल को 1959 आर्म्स एक्ट के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया। निर्मल सिंह को 1959 आर्म्स एक्ट के सेक्शन 25 के तहत भी दोषी करार दिया गया।
खट्टा सिंह की गवाही अहम रही
राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने गवाही में कहा था कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने के लिए बाबा ने ही कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को आदेश दिया था। राम रहीम 23 अक्टूबर 2002 को जालंधर के एक सत्संग से सिरसा वापस पहुंचा तो उसे कृष्ण लाल ने अखबार दिखाया, जिसमें साध्वियों के यौन शोषण के बारे में खबर छपी थी। खबर पढ़ते ही राम रहीम तिलमिला उठा और उसने मेरे सामने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल को आदेश दिया कि रामचंद्र छत्रपति को मौत के घाट उतार दो। इसके बाद 24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को उसके घर के बाहर गोलियों से भून दिया गया।