Budget 2019 में जानिए रियल एस्टेट सेक्टर को जेटली से क्या है उम्मीद
चुनावी साल में देश का अंतरिम बजट पेश होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं. इस बजट में देश के अलग-अलग सेक्टर को राहत की उम्मीद है. रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी बजट को काफी अहम माना जा रहा है.
रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि अंतरिम बजट में मोदी सरकार ऐसी स्कीम लाए जिससे खरीदारों को घर खरीदने के लिए कुछ और इन्सेंटिव मिल सके. इसके अलावा बजट 2019 में घर खरीदारों के लिए टैक्स छूट में थोड़ी और राहत की उम्मीद है. बता दें कि सेक्शन 80सी के तहत होम लोन के मूलधन के री-पेमेंट पर हर साल 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स में छूट मिलती है. वहीं इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की भी मांग की जा रही है.
सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा, ” वैसे तो मोदी सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कई अहम फैसले लिए हैं लेकिन स्टाम्प ड्यूटी अभी भी बनी हुई है.अन्य उद्योगों की तरह स्टाम्प ड्यूटी को रियल एस्टेट सेक्टर से भी हटाया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की अपील की है. आर. के. अरोड़ा ने कहा, ” रियल एस्टेट सेक्टर पर नोटबंदी का बहुत बुरा असर पड़ा लेकिन अब यह धीरे-धीरे उबरने लगा है. इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने से डेवलपर्स के लिए कम रेट पर धनराशि जुटाना आसान हो जाएगा. ” उन्होंने आगे कहा, ”मुझे उम्मीद है कि उपभोक्ताओं के लिहाज से सरकार आवास पर जीएसटी दरों में कमी लाएगी, क्योंकि इससे उद्योग जगत में सुधार होगा.”
जीएसटी स्लैब घटाने की हो रही बात
बता दें कि बीते कुछ महीनों से निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी स्लैब घटाने की बात हो रही है. इसको लेकर बीते 10 जनवरी को जीएसटी काउंसिल मीटिंग में एक कमेटी का भी गठन हुआ. अंतरिम बजट में इस स्लैब को लेकर चर्चा हो सकती है.
2018 के बजट में क्या था
आम बजट 2018 में देश के हर गरीब को घर के लक्ष्य की बात कही गई थी. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बनाने को मंजूरी दी गई थी. वहीं स्मार्ट सिटी के विकास के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का फंड देने का ऐलान किया गया. वहीं स्मार्ट सिटी के लिए 99 शहर चुने गए थे. बजट 2018 में सीमा पर सड़कें बनाने पर भी जोर दिया गया. वहीं धार्मिक-पर्यटन शहरों के लिए हेरिटेज सिटी की योजना थी.
मोदी सरकार में रियल एस्टेट सेक्टर के बदलाव
पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही देश के रियल एस्टेट सेक्टर में कई बदलाव देखने को मिले हैं. उदाहरण के लिए मोदी सरकार ने रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट) को पास किया. रेरा कानून बिल्डर द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक लगाने के लिए लागू किया गया. इससे ग्राहकों की लाचारी दूर हो सकी है. कानून के लागू होने के बाद से रियल एस्टेट के क्षेत्र में पारदर्शिता देखने को मिली है. वहीं मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और दीन दयाल आवास योजना के जरिए अफोर्डेबेल हाउसिंग मार्केट को नया सहारा मिला. इन योजनाओं की वजह से घर खरीदारों की जेब पर बोझ कम हुआ.