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अभी-अभी: कन्हैया कुमार मामले में आया नया मोड़, कोर्ट ने लगाई दिल्ली पुलिस को फटकार

जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी वाले मामले में आज स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले पर अब पटियाला कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है।

अभी-अभी: कन्हैया कुमार मामले में आया नया मोड़, कोर्ट ने लगाई दिल्ली पुलिस को फटकारआपको बता दें कि इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट चार्जशीट पर कल सुनवाई करेगा।

सरकार की इजाजत के बिना कार्रवाई नही

JNU विवाद एक बार फिर सुखियों में है और दिल्ली पुलिस के द्वारा कोर्ट में कन्हैया कुमार बा अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। वहीं अब इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाईं है। कन्हैया कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज 2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले में समुचित मंजूरी लिए बिना आरोपपत्र दायर करने को लेकर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किए हैं. कोर्ट ने पहले पूछा है, ‘‘आपने मंजूरी के बगैर (आरोपपत्र) दायर क्यों किया? आपके पास विधि विभाग नहीं है क्या?’’ कोर्ट ने ये भी कहा कि जबतक दिल्ली सरकार इस मामले में अनुमति नहीं देती तबतक कोर्ट संज्ञान नहीं लेगा।

देश विरोधी नारे लगाने के मामले में चार्जशीट दाखिल

आपको बता दें कि कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को जेएनयू परिसर में कथित रूप से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कार्यक्रम करने को लेकर 2016 में देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। विपक्ष ने पुलिस पर सत्तारुढ़ भाजपा की शह पर काम करने का आरोप लगाया था।

कोर्ट की सुनवाई

गौरतलब हैं कि मामला अंतिम चरण में हैं। पुलिस टीमों को बयान लेने के लिए अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ा था। जेएनयू के इस विवादस्पद कार्यक्रम से लोगों में नाराजगी फैली थी। आरोप लगे थे कि कार्यक्रम के दौरान रुप से देश विरोधी नारे लगाए गए। सूत्रों के मुताबिक, सबूत के तौर पर घटना के वक़्त के कई वीडियो फुटेज सीबीआई की सीएफएसएल में जांच के लिए भेजे गए थे, जिसके नमूने पोजिटिव पाए गए थे।

सबूत के तौर पर वीडियो

इसके अलावा मौके पर मौजूद कई लोगों के बयान, मोबाइल फुटेज, फेसबुक पोस्ट भी शामिल हैं। इस मामले में करीब 30 ओर लोग संदिग्ध पाए गए थे, लेकिन उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले थे। वहीं, जेएनयू प्रशासन, एबीवीपी स्टूडेंट, सिक्योरिटी गार्ड और कुछ छात्र गवाह हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक प्रोग्राम आयोजित किया गया था। इसमें देशविरोधी नारे लगे थे. पुलिस ने उस वक़्त दिल्ली के वसंत कुंज नॉर्थ थाने में कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्‍हें सशर्त जमानत दे दी थी।

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