सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को 2008 में असम में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के प्रमुख रंजन दैमारी और 9 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन विस्फोटों में 81 लोग मारे गए थे।
सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने रंजन दैमारी और 14 अन्य को दोषी ठहराया था। मामले पर घटना के 10 साल से भी अधिक समय बाद फैसला आया है। इस हमले में 81 लोगों की मौत हुई थी और 470 लोग घायल हुए थे। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने दैमारी और 14 अन्य को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया था।
दैमारी के अलावा जॉर्ज बोडो, बी. थरई, राजू सरकार, निलिम दैमारी, अंचाई बोडो, इन्द्र ब्रह्मा, लोको बासुमतारी, खड़गेश्वर बासुमतारी, प्रभात बोडो, जयंत बोडो, अजय बासुमतारी, मृदुल गोयारी, माथुराम ब्रह्मा और राजेन गोयारी को भी दोषी करार दिया गया है।
2008 को हुए थे बम धमाक
असम में 30 अक्तूबर, 2008 को बम धमाके हुए थे। गुवाहाटी और पश्चिमी असम के आस-पास के इलाकों में एक के बाद एक 11 बम धमाके हुए थे। विशेष सरकारी वकील टीडी गोस्वामी ने कहा था कि राज्य ने आरोपियों के खिलाफ सजा-ए-मौत की मांग की है।
इस मामले में कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सात फिलहाल फरार हैं जबकि माना जा रहा है कि दो की मौत हो चुकी है। 15 आरोपियों में से केवल रंजन दैमारी ऐसा शख्स था जोकि जमानत पर बाहर था।