भारतीय महिला हॉकी टीम की इस उपलब्धि को देखते हुए मैनेजमेंट ने पहली बार टीम के लिए एक साइकोलॉजिस्ट का इंतजाम किया है, जो प्रत्येक दौरे पर टीम के साथ जुड़ा रहेगा।
अनुमानित आंकड़ों के मुताबकि भारतीय महिला हॉकी टीम के एक-एक सदस्य साल में करीब 300 दिन घर से दूर रहती हैं। ऐसे में मानसिक अवसाद और अकेलेपन की वजह से उनके प्रदर्शन पर काफी फर्क पड़ता है।
इसी वजह से मैनेजमेंट ने टीम को पहली बार एक प्रोफेशनल साइकोलॉजिस्ट देने का फैसला किया है। इसके लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) ने स्पेन के मौजूदा दौरे के लिए प्रियंका नाम की साइकोलॉजिस्ट का इंतजाम किया है।
टीम के हेड कोर्च शॉर्ड मारिन ने बताया कि स्पोर्ट्स अथॉरिटी की तरफ से लिया गया यह एक सराहनीय कदम है। टीम के साथ जुड़ी साइकोलॉजिस्ट ने अब तक काफी अच्छा काम किया है।