फरवरी के आगमन के साथ ही बोर्ड परीक्षाओं का सीजन भी शुरू होने वाला है. फरवरी में सीबीएसई से लेकर कई स्टेट बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, इसमें बिहार बोर्ड भी शामिल है. बिहार बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होने वाली है और इस बार नकल रोकने के लिए परीक्षार्थियों के लिए खास नियम बनाए गए हैं. इन नियमों के अनुसार परीक्षार्थी एग्जाम रूम में जूते, मोजे पहनकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
परीक्षा की टेंशन के साथ ही परीक्षार्थियों को बिना जूते-मोजे के ठंड की मार भी झेलनी पड़ सकती है. बताया जा रहा है कि इस बार परीक्षार्थी परीक्षा कक्ष सैंडल पहनकर भी प्रवेश नहीं कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार बोर्ड इस बार भी पिछले साल की तरह नकल से बचने के लिए कड़े नियम बनाने जा रहा है.
बताया जा रहा है कि इस बार नकल रोकने के लिए बोर्ड ने परीक्षकों की स्पेशल टीमें बनाई हैं. साथ ही हर 25 बच्चों पर एक परीक्षक होगा, जिससे कि कोई भी छात्र नकल ना कर सके. परीक्षा में छात्रों को दो स्तर की चेकिंग होगी, जिसमें पहली बार सेंटर स्टाफ चेकिंग करेगा और दूसरी बार बोर्ड की ओर से नियुक्त किए गए परीक्षक परीक्षार्थी की जांच करेंगे.
बता दें कि बिहार 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को आयोजन 6 फरवरी, जबकि 10वीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन 21 फरवरी से शुरू होना है. वहीं बोर्ड इस बार सेट के आधार पर परीक्षार्थियों को पेपर देगा और बोर्ड ने हर विषय के करीब 10 पेपर सेट बनाएं हैं और उम्मीदवारों को अलग अलग पेपर दिए जाएंगे. साथ ही पेपर लीक से बचने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल 10वीं बोर्ड परीक्षा में छात्रों को जूते और मौजे के साथ परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया था.