4 पुलिसकर्मी करते हैं इस पेड़ की रक्षा, VVIP के जैसा होता है ट्रीटमेंट
देश में एक ऐसा भी पेड़ है जिसकी सुरक्षा एक नहीं बल्कि 4-4 पुलिसकर्मी करते हैं. 100 एकड़ की पहाड़ी पर लगा अनोखा पेड़ दो देशों के बीच की कड़ी है. यह पेड़ मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में सांची के पास लगा है जो बौद्ध स्तूपों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच रायसेन जिले के सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा है देश का शायद सबसे पहला ऐसा वीवीआईपी पेड़ जिसकी 24 घंटे चार गार्ड निगरानी करते हैं. इसके लिए खास तौर पर पानी के टैंकर का इंतजाम किया जाता है.
100 एकड़ की पहाड़ी पर लोहे की लगभग 15 फीट ऊंची जाली के अंदर यह वीवीआईपी बोधि वृक्ष लगा है. 24 घंटे इसकी सुरक्षा-देखभाल के लिए चार होमगार्डों की तैनाती रहती है. सिंचाई के लिए यहां सांची नगरपालिका ने अलग से पानी के टैंकर का इंतजाम किया जाता है. पेड़ को बीमारी से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी हर हफ्ते दौरा करते हैं. यह सब जिला कलेक्टर की निगरानी में होता है.
इस पूरी पहाड़ी को बौद्ध विश्वविद्यालय के लिए आवंटित किया गया है. पूरा क्षेत्र बौद्धिस्ट सर्किट के तौर पर विकसित किया जा रहा है. गौरतलब है कि 21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने बोधि वृक्ष को रोपा था. बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए इसका खास महत्व है. इस पेड़ को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं.
इस पेड़ का एक पत्ता भी सूखे तो प्रशासन चौकन्ना हो जाता है. पेड़ तक पहुंचने के लिए भोपाल-विदिशा हाईवे से पहाड़ी तक पक्की सड़क भी बनाई गई है.पेड़ के रखरखाव में हर साल लगभग 12-15 लाख रुपये खर्च होते हैं. यह और बात है कि जिस विश्वविद्यालय के नाम पर बोधि वृक्ष को रोपा गया, 7 साल बाद भी यूनिवर्सिटी को लगभग 20 लाख का किराया देकर निजी भवन में चलाया जा रहा है.