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आदित्य वर्मा ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पर जमकर बरसे,साधा निशाना

पटना। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बयान जारी कर कहा है किबिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लोकपाल न्यायाधीश जे एन सिंह ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के वर्तमान सचिव जो माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में आज की तारीख में विभिन्न पदो सचिव एवं कोषाध्यक्ष के रूप मे 9 वर्षों से पद पर कार्य करते हुए अयोग्य करार हो चुके हैं, उसके बाद भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पद पर कार्य कर रहे हैं।

बीसीए के 38 जिला क्रिकेट संघ के अधिकारियों को डरा धमका कर अनेक अनैतिक कार्य कर रहे है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस जिला क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के सचिव रवि शंकर प्रसाद सिंह के काम करने के तरीके पर अपना विरोध जताया, उस जिला क्रिकेट संघ को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए गलत तरीके से कमिटी को भंग कर अपने आदमियों की कमिटी बना दिया है। बीसीसीआई के नए संविधान को बिना एडोपट किए हुए मार्च के अंतिम सप्ताह मे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की चुनाव भी घोषणा कर दी।

जिला क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लोकपाल के यहां गुहार लगा कर बीसीए के सचिव रवि शंकर प्रसाद सिंह के करतूतों को बारी-बारी से अपने वकील के माध्यम से रखा। पूरी बहस सुनने के बाद माननीय लोकपाल महोदय ने 5 फरवरी, 19 को आदेश देते हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल वोहरा को 3 सदस्यीय कमिटी बना कर जिला क्रिकेट संघ के अधिकारियों के शिकायतों को सिलसिलेवार सुन कर लोकपाल को हकीकत बताने को कहा है।

 माननीय लोकपाल महोदय ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव रवि शंकर प्रसाद सिंह को प्रथम नजर मे दोषी मानते हुए 3 सदस्यीय जांच कमिटी में रखने पर पाबंदी लगाई है। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बयान जारी कर कहा है कि बीसीसीआई से लड़ कर 18 सालो के संघर्ष के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश मे 4 जनवरी, 18 को बिहार मे प्रथम श्रेणी क्रिकेट को दुबारा बहाल तो कर दिया लेकिन बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के सचिव के कार्य शैली ने बिहार क्रिकेट को गर्त में धकेल दिया है। 

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