रिफाइनिंग-पेट्रोरसायन प्रोजेक्ट में निवेश करना चाहता है UAE
तेल की लगातार बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत के रिफाइनरी और पेट्रोरसायन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. यूएई के राज्य मंत्री और एडीएनओसी के सीईओ सुल्तान अहमद अल-जबर ने कहा, ‘‘भारत सिर्फ हमारे लिए एक बाजार नहीं है बल्कि यह एक अहम रणनीतिक भागीदार भी है. हम सिर्फ भारत को कच्चा तेल बेचने वाला देश बनकर नहीं रहना चाहते हैं. हम अपने रिश्ते को रणनीतिक भागीदारी में पहुंचाना चाहते हैं.’’ ऐसे में हम भारत में रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन सेक्टर में अपना निवेश बढ़ाना चाहते हैं.
बता दें कि यूएई की अबु धाबी नेशनल आयल कंपनी (एडीएनओसी) और इसकी भागीदार सऊदी आराम्को ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी में प्रस्तावित 44 अरब डाॉलर की रिफाइनरी एवं पेट्रोरसायन परियोजना में 50 फीसदी हिस्सेदारी ली है. डॅक्टर सुल्तान अहम से जब यह पूछा गया कि रत्नागिरी में प्रस्तावित छह करोड़ टन की रिफाइनरी में उनकी कंपनी एडीएनओसी कितनी हिस्सेदारी खरीदेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी शुरुआती दौर में हैं. परियोजना का स्वरूप तय किया जा रहा है. ’’ एडीएनओसी ने कर्नाटक के मंगलूर और पादुर में बने रणनीतिक भूमिगत तेल भंडारगृहों में भी अपना तेल रखने की पहल की है. उन्होंने कहा कि भारत हमारे रणनीतिक एजेंडे में काफी ऊपर है. भारत में रणनीतिक भंडार बढ़ाना इस एजेंडे में शामिल है.
बता दें कि मोदी सरकार ने देश में शेल गैस एवं तेल भंडार की खोज का काम तेज करने की योजना बनाई है. रायटर्स के मुताबिक संबंधित कंपनियों से इसके बारे में योजना पेश करने को कहा गया है. जानकारी के मुताबिक भारत के तेल एवं गैस नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (DGH) ने जनवरी महीने में विभिन्न निजी और सरकारी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी और अनुरोध किया था कि वे अपने पास मौजूद तेल एवं गैस ब्लॉक में शेल संसाधनों के दोहन के काम को आगे बढ़ाएं.