जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर अब तक के सबसे बड़े फिदायीन हमले में वीरवार को सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए। 20 अन्य के घायल होने की सूचना है। घटना जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दोपहर बाद सवा तीन बजे की है। फिदायीन हमलावर ने विस्फोटक भरी कार को काफिले की बस से टकरा दिया, जिससे विस्फोट में बस के परखच्चे उड़ गए। चारो ओर बस के टुकड़े तथा मलबा पड़ा नजर आ रहा था। आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
सीआरपीएफ का 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। इनमें ज्यादातर अपनी छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे थे। सामान्य तौर पर एक हजार जवान काफिला का हिस्सा होते हैं। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा जिले के लेथपोरा में काफिले को निशाना बनाया गया। पुलिस के अनुसार आत्मघाती वाहन को चला रहे मानव बम की शिनाख्त कर ली गई है। वह पुलवामा जिले के काकापोर का आदिल अहमद था, जो वर्ष 2018 में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद में शामिल हुआ था।
पुलिस के अनुसार काफिला वीरवार को सुबह साढ़े तीन बजे जम्मू से शुरू हुआ था। उम्मीद की जा रही थी कि सूर्यास्त से पहले यह काफिला श्रीनगर पहुंच जाएगा। अमूमन रोड ओपनिंग पार्टी काफिले से पहले रहती है। घटना के तुरंत बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल को सील कर स्थिति का जायजा लिया। सुरक्षाबलों द्वारा आस पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान भी चलाया गया।
54 बटालियन की गाड़ी को बनाया निशाना
सीआरपीएफ के आईजी जुल्फकार हसन ने बताया कि 54 बटालियन की गाड़ी को निशाना बनाया गया, जिसमें 44 जवान सवार थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
फोरेंसिक टीम मौके पर
घटनास्थल पर फोरेंसिक तथा बम निरोधक दस्ते की टीम भी पहुंच गई है। पूरे इलाके को घेरकर सबूत इकट्ठा किए गए। साथ ही आस-पास के लोगों से पूछताछ भी की गई।
पूरी घाटी में अलर्ट
फिदायीन हमला होने के साथ ही पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया। हाईवे पर दोनों ओर से यातायात रोक दिया गया था। सैन्य प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हाईवे सहित जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले पर शोक जताया। इसके साथ ही उन्होंने डीजी सीआरपीएफ से भी इस घटना को लेकर जानकारी ली।
बड़ी आतंकी वारदातें
संसद भवन पर हमला (दिसंबर, 2001), जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला (अक्टूबर 2001), इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण (दिसंबर 1999), अयोध्या और वाराणसी धमाके।
नवंबर, 2007 में उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ द्वारा लखनऊ में गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह राहुल गांधी के अपहरण के लिए देश में आए थे।
2015 में जैश से संबंधित घटनाएं
-15 जनवरी – दक्षिणी कश्मीर के केलर इलाके के गाडरू जंगल क्षेत्र में पांच जैश के आतंकियों को सेना द्वारा एक मुठभेड़ में ढेर किया गया। मारे गए आतंकियों में से एक जैश कमांडर मोहम्मद तोइब था जो पाकिस्तान मुल्तान का रहने वाला था जबकि बाकी के चार स्थानीय आतंकी थे।
– 20 मार्च – जम्मू संभाग के कठुआ जिले के राजबाग पुलिस थाने पर सेना की वर्दी में फिदायीन हमला हुआ, जिसमें तीन जवान शहीद हुए। इसके अलावा एक स्थानीय नागरिक की भी इसमें मौत हुई। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकियों को भी ढेर किया गया, जबकि 10 लोग इस हमले में घायल हुए थे।
– 21 मार्च – दो आतंकियों ने जम्मू संभाग के सांबा जिले में सेना के एक कैंप पर हमला किया। सुरक्षा बलों ने दोनों को ढेर कर दिया।
– 27 जुलाई – दस लोगों सहित एक एसपी उस समय शहीद हो गए जब हथियारों से लैस तीन आतंकियों ने गुरदासपुर के दीना नगर थाने पर धावा बोला। मरने वालों में तीन आतंकी, तीन स्थानीय नागरिक और चार पुलिस कर्मी थे।
– 04 अक्टूबर – दक्षिणी कश्मीर के हारी परिगाम ट्त्राल में जैश के दो विदेशी आतंकियों को सेना ने मुठभेड़ के दौरान ढेर किया। इनकी पहचान आदिल पठान और बर्मी के तौर पर हुई थी।
– 25, नवंबर – उत्तरी कश्मीर के टंगधार में सेना के कैंप पर हुए आत्मघाती हमले में एक स्थानीय नागरिक की मौत हुई, जबकि तीन आतंकियों को सेना द्वारा ढेर किया गया।
पुलवामा हमले पर पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह का ट्वीट- जवानों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा
इस घटना के बाद नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं। इसी सिलसिले में पूर्व सेना प्रमुख और गाजियाबाद से भाजपा सांसद जनरल वीके सिंह ने भी ट्वीट कर इस हमले को कायरतापूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, एक सैनिक और भारत का एक नागरिक होने के नाते इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतों से मेरा खून खौलता है। सीआरपीएफ के 18 बहादुर जवानों ने पुलवामा में अपनी जान गंवा दी। मैं उनके निःस्वार्थ बलिदान को नमन करता हूं और ये वादा करता हूं कि जवानों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा।
नेताओं के ट्विटर पर बयान
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि घाटी से बेहद भयानक खबर आ रही है। एक आईडी ब्लास्ट में कई सीआरपीएफ जवानों के मारे जाने की खबर है। मैं इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करता हूं और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। शोकाकुल परिवार के प्रति सहानभूति प्रकट करता हूं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जैश ने इस फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है। यह 2004-2005 के आतंक के दिनों की याद दिलाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है। उनहोंने लिखा कि अवंतिपुरा से दिल दहलाने वाली घटना सामने आ रही है। हमारे जवान शहीद हुए हैं और कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। ऐसे वीभत्स हमले की निंदा करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। आखिर कितनी जानें लेकर यह पागलपन खत्म होगा?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए बृहस्पतिवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर दुख जताया है। गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए कायराना हमले से बहुत दुखी हूं। हमारे शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं घायल हुए जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा- हम पुलवामा में कायराना आतंकी हमले की निंदा करते हैं। सर्वोच्च बलिदान देने वाले अपने 18 बहादुर जवानों को हमारी श्रद्धांजलि। हम उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘उरी, पठानकोट, पुलवामा। मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जाना लगातार जारी है।