राधे मां के बारे में ये पांच खास बातें
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
नई दिल्ली: विवादों से घिरी राध मां के बारे में जानने के लिए पहले किसी को इतना क्रेज नहीं था क्योंकि तब वह एक देवी थी और लोगों में उनकी बस आस्था थी लेकिन आज हर आमजन राधे के बारे में जानकारी हासिल करना चाहता है। राधे मां कौन है, क्या है असल उनकी जिदंगी। राधे मां के विरोधी भी उनकी साख मानते हैं, अगर उनके साथ जुड़े विवादों के एक तरफ सरका दिया जाए तो राधे मां में एक अच्छे लीडर के सारे गुण हैं और शायद उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में भी काफी वोट मिल जाएं। तो आइए आपको राधे मां के बारे में कुछ ऐसी बातों से रू-ब-रू करवाते हैं जो उन्हें पीएम की कुर्सी पर बैठाने में मदद कर सकती हैं।
1. एकजुट करने की है ताकत
भक्तों संग मस्त होकर नाचने वाली राधे मां के लिए कुछ भी असंभव नहीं है अगर भक्त उन्हें गोद में उठा सकते हैं तो वह भी अपने भक्तों पर करूणा बरसाने में पीछे नहीं हटती हैं। राधे मां के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। एक प्रधानमंत्री में सबसे बड़ा गुण होता है कि वह कैसे भीड़ जुटाता है और ये सबसे बड़ा गुण होता है एक पीएम में। राधे मां ऐसी शख्सियत है जिन्हें दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों से बराबर का समर्थन मिलेगा।
2. मजबूत है रक्षा बजट
राधे मां के रक्षा बजट के बारे में बात करें तो वो बर्लिन की दीवार की तुलना में भी ज्यादा मजबूत है। दुश्मन राधे मां से टकराने से पहले एक बारगी तोे जरूर सोचेगे।
3. खुलेआम होगी झप्पी और पप्पी
राधे मां अपने भक्तों को आर्शीवाद के रूप में झप्पी और पप्पी करती हैं। अगर राधे मां प्रधानमंत्री बन जाएं तो पार्क में बैठे जोड़ों को बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी क्योंकि जब प्रधानमंत्री खुलेआम किस करेगा तो प्रेमी जोड़ों को कौन रोक सकता है।
4. नचाएगा भी प्रधानमंत्री
राधे मां अगर प्रधानमंत्री बन जाए तो लोग उन्हें देख कर मस्ती में कहीं भी नाचना शुरू कर देंगे क्योंकि राधे मां जब मस्त होती हैं तो भक्तों संग नाचना शुरू कर देती हैं।
5. नौकरियों की लग जाएगी झड़ी
अब आप कहेंगे ये कैसे हो सकता है क्या राधे मां कोई कंपनी खोलेंगी, अरे ऐसा हो भी सकता है लेकिन यहां हम राधे मां की गुलामी की बात कर रहे हैं। दरअसल आपने अक्सर देख होगा कि राधे मां के भक्तों में होड़ लगी रहती है कि कौन उन्हे अपनी गोद में उठाता है। अगर राधे मां प्रधानमत्री बनती है तो न जाने कितनों को नौकरी मिल जाएगी क्योंकि उन्हें गोद में उठाने वाले फिर कोई एक या दो नहीं न जाने कितने ही लोग जुट जाएंगे। ऐसे में नौकरी के कितने अवसर खुलेंगे।