जैश का ‘हमदर्द’ चीन बोला- UNSC का बयान कोई फैसला नहीं
आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद को लेकर चीन की हमदर्दी किसी से छिपी नहीं हैं. एक बार फिर उसने पाकिस्तान की धरती से काम करने वाले इस संगठन का समर्थन किया है. गुरुवार को जैश ए मोहम्मद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्धारा दिए गए बयान पर उसने कहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में है और यह किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य चीन जैश ए मोहम्मद को नामजद करते हुए जारी एक बयान को शुक्रवार को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की. बता दें कि सुरक्षा परिषद ने जघन्य और कायराना आतंकी हमले की गुरुवार को सख्त निंदा की थी. एक बयान में कहा गया कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश पुलवामा आतंकी हमले की सख्त निंदा करते हैं.
बता दें कि 14 फरवरी को हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली. पुलवामा हमले में जैश की भूमिका का जिक्र करने वाले बयान के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि उनका देश आतंकी घटना से जुड़े घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए है.
उन्होंने कहा कि कल यूएनएससी ने एक बयान जारी किया जिसमें एक खास संगठन का जिक्र है लेकिन सामान्य संदर्भ में. यह हमले पर किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता. उनकी टिप्पणी को चीन की एक ऐसी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है जिसका लक्ष्य अपने करीबी सहयोगी पाकिस्तान को शांत रखना और जैश को दोषी ठहराए जाने को कम तवज्जो देना है.
गौरतलब है कि चीन संयुक्त राष्ट्र की आतंक रोधी 1267 कमेटी में जैश प्रमुख मसूद अजहर पर एक वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए भारत और कई अन्य देशों की कोशिश में बार-बार अड़ंगा डालता रहा है.
वहीं, यूएनएसी के एक अन्य सदस्य देश फ्रांस ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह अजहर को सूचीबद्ध कराने के लिए 1267 कमेटी में जल्द ही एक प्रस्ताव लाएगा. गेंग ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चीन ने इस बात का भी जिक्र किया है कि पाकिस्तानी सरकार ने जांच में भारत के साथ सहयोग करने की तत्परता दिखाई है और वह वार्ता के जरिए भारत के साथ मतभेदों को दूर करने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि चीन आशा करता है कि सभी पक्ष हमले की सच्चाई का पता लगाने के लिए काम करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता की संयुक्त रूप से हिफाजत के लिए पाकिस्तान और भारत वार्ता करेंगे.