दुनिया में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाले संगठन फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पुलवामा हमले की निंदा करने और पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाले जाने के घंटे भर बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान देशों से आग्रह किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को पूरा समर्थन दिया जाए.
नई दिल्ली में चौथे इंडिया-एशियन एक्सपो और समिट को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया में व्यवसाय और कारोबार के फलने-फूलने के लिए शांति और सुरक्षा का माहौल बहुत जरूरी है. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘इस सम्मेलन में इस तथ्य को माना जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई देश अपनी धरती का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं करने देगा. उन्होंने आसियान और अन्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने की अपील की.
पुलवामा आतंकी हमले को ‘निहायत कायराना’ हरकत बताते हुए गृह मंत्री ने आतंकवाद से लड़ने की पूरी क्षमता को मजबूत करने पर जोर दिया और कहा कि सूचना के आदान-प्रदान, जांच एजेंसियों में परस्पर तालमेल, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई से हिंसक उग्रवाद और कट्टरता को रोका जा सकता है.
भारत और आसियान देशों के बीच कारोबारी क्षमता पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का आधे से ज्यादा विदेशी कारोबार अब पूर्वी देशों की ओर शिफ्ट हो रहा है. गृह मंत्री ने कारोबार बढ़ाने के लिए आसियान देशों के बीच जनसंपर्क और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया. सिंह ने कहा कि ‘भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मुख्य मकसद पूर्वी देशों के साथ भारत का आर्थिक संबंध बढ़ाना है.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन एक्ट ईस्ट है, इसलिए आसियान देशों के साथ भारत के संबंध नए रूप में बनते जा रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-आसियान संबंधों में कारोबार और निवेश अहम भूमिका अदा करते हैं. पिछले दशक में भारत और आसियान देशों में कारोबार और निवेश के संबंध मजबूत होते जा रहे हैं. दोनों पक्षों में कारोबार तिगुना बढ़कर 81.33 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. 2005-06 में 21 बिलियन डॉलर का कारोबार 2017-18 में बढ़कर 81.33 बिलियन डॉलर हो गया है. 2017-18 में आसियान भारत का दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी बनकर उभरा है. भारत के कुल कारोबार में आसियान का हिस्सा 10.58 प्रतिशत है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने नॉर्थ ईस्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूती दी है क्योंकि नॉर्थ ईस्ट ही आसियान का द्वार है. उन्होंने कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट आसियान देशों को जोड़ने वाला सबसे बड़ा जरिया है. इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ने से भारत के उत्तर पूर्वी इलाकों में आर्थिक तरक्करी के साथ विकास भी तेजी से बढ़ेगा. भारत और म्यामांर अपने अपने सरहदी इलाकों में बॉर्डर हाट बना रहे हैं ताकि लोगों के बीच कारोबार को बढ़ावा दिया जा सके. मोरेह में इस साल जनवरी में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट भी खोल दिया गया है.