जॉब्स की छाया से बाहर निकल रही एप्पल
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
नई दिल्ली। एप्पल इंक का नाम जेहन में आते ही उसके संस्थापक स्टीव जॉब्स का नाम स्मरण हो आता है। लेकिन कंपनी की हाल की कुछ घोषणाओं और लांचिंग से ऐसा लगता है कि कंपनी ने संस्थापक की छाया से पीछा छुड़ाना शुरू कर दिया है। कंपनी ने बुधवार को 12.9 ईंच के टैबलेट (आईपैड प्रो) के साथ नई स्टाइलस (एप्पल पेंसिल) लांच की। जॉब्स ने 2००7 में एक उत्पाद लांचिंग के दौरान स्टाइलस के प्रति अपनी घृणा का प्रदर्शन किया था।
जॉब्स ने कहा था, ‘‘भला कौन चाहता है स्टाइलस?’’ उन्होंने कहा था कि यह कभी गुम हो जाता है, इसलिए आपको इसका अलग से ध्यान रखना होता है। कथित तौर पर उनकी जीवनी लिखने वाले से उन्होंने कहा था कि जैसे ही आपके पास स्टाइलस होगा, आप मर जाएंगे। जॉब्स के निधन के बाद कंपनी के मुख्य कार्यकारी बने टिम कुक ने जॉब्स के रास्ते से अलग रास्ता अपनाया है। जॉब्स जहां बड़े स्क्रीन वाले टैबलेट के खिलाफ थे, वहीं कुक ने 2०14 में काफी बड़े आकार का आईफोन6 और 6 प्लस लांच किया। इसके बल पर एप्पल को किसी भी कंपनी के लिए किसी भी एक तिमाही का सर्वाधिक शुद्ध लाभ हुआ। कुक के काल में कंपनी ने एप्पल टीवी जैसी कई सेवाएं लांच की, जबकि जॉब्स की राय थी कि माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल को कभी भी स्ट्रीमिंग और ग्राहक सदस्यता वाली सेवाएं लांच नहीं करनी चाहिए। मार्च में बाजार में उतारा गया एप्पल वाच भी कुक की मौलिक सोच थी। इस वाच को पूरी तरह से कुक के नेतृत्व में तैयार किया गया था, और इसमें दिवंगत संस्थापक का कोई योगदान नहीं था। जॉब्स अत्यधिक छोटे टैबलेट के विरुद्ध थे, लेकिन कंपनी ने 2०12 में 7.9 इंच का आईपैड मिनी लांच किया। कंपनी ने कुक के नेतृत्व में ऑडियो इंजीनियरिंग कंपनी बीट्स खरीदी, जबकि जॉब्स का मानना था कि नवाचार को खरीदने से अच्छा उसका खुद ही विकास करना होता है। कुक द्वारा अपनाए गए नए रास्ता का लाभ भी मिला है। एप्पल के शेयर जॉब्स की मृत्यु के बाद 54 डॉलर से बढ़कर 11० डॉलर पर पहुंच गए हैं, जिसकी बदौलत कंपनी का बाजार मूल्य 6०० अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
खास बात यह भी है कि दिवंगत संस्थापक ने कुक को सलाह दी थी कि कभी यह न पूछें कि अगर जॉब्स होता तो क्या करता। यह बात कुक ने 2०11 में जॉब्स के श्रद्धांजलि समारोह में बताई थी। कुक ने कहा था, ‘‘वह कीजिए, जो उचित हो। यह मत पूछिए कि जॉब्स क्या करता।’’