जीवनशैली

चार तरह से सावधान रहने वाला इंसान हर परेशानी से रहता है दूर

चाणक्य नीति को अचूक और अभेद्य माना जाता है। चाणक्य नीति के दसवें अध्याय के दूसरे श्लोक में 4 तरह की सावधानियों के बारे में बताया गया है। ये सावधानियां हर इंसान की शारीरिक और मानसिक आदतों से जुड़ी हैं। चाणक्य ने बताया है कि हर मामले में सावधान रहने वाला इंसान कई तरह की परेशानियों से बचा रहता है। वहीं बुद्धिमान लोग सावधन रहने से उन्नति भी करते हैं। चाणक्य कहते हैं कि कपड़े से शुद्धकर के जल पीने वाला व्यक्ति कभी शारीरिक रुप से परेशान नहीं होता है। इसी तरह की 3 अन्य बातें भी बताई हैं जिनको अपनाने से बाद में पछताना नहीं पड़ता है।
दृष्टिपूतं न्यसेत्पादं वस्त्रपूतं पिबेज्जलम् ।
शास्त्रपूतं वदेद्वाक्यः मनःपूतं समाचरेत् ॥
चाणक्य कहते हैं कि कहीं भी पैर रखने से पहले अच्छी तरह देख लेना चाहिए। ऐसा करने से चोट या दुर्घटना नहीं होती। कई लोग ऐसा नहीं करने पर परेशान होते हैं। इसके अलावा चाणक्य ने बताया है कि जो व्यक्ति शास्त्र से शुद्धकर वाक्य बोलता है वो कभी परेशान नहीं होता। यानी जो व्यक्ति सही और गलत को जानकर सोच-समझकर कोई बात कहता है उसे बाद में कभी पछताना नहीं पड़ता। वहीं मन से सोचकर कार्य करने वाला इंसान तरक्की करता है। यानी सहीं कोई भी काम करने से पहले सही-गलत या उस काम के नतीजे के बारे में पहले से ही सोच लेने वाला इंसान तरक्की करता है।

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