NPS को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल करवाना चाहते हैं अर्धसैनिक बल
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर अर्धसैनिक बलों को मिलने वाली सुविधाओं पर बहस छिड़ गई है. वहीं दूसरी ओर 3 मार्च को देश के अलग-अलग राज्यों से रिटायर्ड अर्धसैनिक बल दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं. दरअसल, इन लोगों की मांग है कि उन्हें मिलने वाली नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की बजाए पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए. यहां बता दें कि अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर नेशनल पेंशन स्कीम लागू किया. सवाल है कि आखिर NPS क्या है, जिसे खत्म कर अर्धसैनिक बल पुरानी पेंशन बहाल कराना चाहते हैं.
साल 2004 से पहले CRPF और बीएसएफ समेत अन्य अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए लाभकारी पेंशन योजना लागू थी. पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को अपने वेतन से कुछ नहीं देना होता था. वहीं जवानों को रिटायरमेंट के बाद अंतिम माह में मिले वेतन का करीब 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलने लगता था. लेकिन 1 जनवरी 2004 से अर्धसैनिक बलों समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्किम (NPS) लागू की गई. इस योजना के तहत अर्धसैनिक बलों के मूल वेतन का करीब 10 फीसदी कर्मचारी को देना होता है और 14 फीसदी पैसा सरकार देती है. यहां बता दें कि सेना को रिटायरमेंट के बाद पुरानी व्यवस्था के तहत ही पेंशन दी जाती है.भारतीय सेना के जवानों को अर्धसैनिक बल के जवानों से ज्यादा सुविधा मिलती है, इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल है.
पहले 10 फीसदी की मदद करती थी सरकार
पहले केंद्र सरकार की ओर से NPS में योगदान 10 फीसदी का था लेकिन बीते साल यह 4 फीसदी बढ़ाकर 14 फीसदी करने का ऐलान किया गया. इसके साथ ही रिटायरमेंट के बाद निकाली गई 60 फीसदी की रकम को टैक्स-फ्री कर दिया गया. इस योजना के तहत रिटायरमेंट के समय कुल पेंशन फंड का 60 फीसदी निकाला जा सकता है, बाकी 40 फीसदी का निवेश निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में किया जा सकता है. पहले 40 फीसदी रकम ही निकालने का प्रावधान था.
क्या है अर्धसैनिक बलों की मांग
अर्धसैनिक बल से जुड़े संगठन पिछले कई सालों से यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी सेना की तरह ही वन रैंक-वन पेंशन मिले. इसका तर्क यह होता है कि देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ सीआरपीएफ, बीएसफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी का अहम योगदान होता है. ऐसे में उन्हें भी समान रूप से पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए.