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RERA पूरा करेगा फ्लैट्स, डेवलपर्स होंगे बाहर

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी RERA ने पहली बार प्रोजेक्ट्स को खुद पूरा करने का बीड़ा उठाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. रेरा (RERA) ने कड़ा फैसला लेते हुए 7 प्रोजेक्ट्स को डीरजिस्टर करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.

अब डेवलपर्स के जवाब मिलने पर रेरा इन प्रोजेक्ट्स को डीरजिस्टर करने का फैसला करेगा. इन 7 प्रोजेक्ट्स में शामिल ग्रेटर नोएडा के प्रिमरोज इंफ्राटेक का प्रोजेक्ट प्रिमरोज राइन, पीसीए इंपेक्स संपदा लीविया, एमएसए डेवलपर का सर्किट हाइट्स ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर के ग्रीन बे गोल्फ होम्स और गोल्फ विलेज शामिल हैं.

मिस्ट डायरेक्ट सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट फेस्टिवल सिटी के तीनों फेज़, उन्नति फोर्च्यून के प्रोजेक्ट आरान्या के पांचों फेज़ और इंटिलेसिटी प्रोजेक्ट के तीन फेज इस डीरजिस्टर लिस्ट में शामिल हैं. अगर ये प्रोजेक्ट्स डीरजिस्टर होते हैं तो फिर इन्हें पूरा करने के लिए रेरा 3 विकल्पों को आजमाएगा. पहला विकल्प है कि किसी को-डेवलपर को लाकर इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जाए तो ऐसी सूरत में को-डेवलपर घर खरीदारों से बकाया रकम लेकर बचे हुए प्रोजेक्ट को पूरा करेगा और जमीन का बकाया संबंधित विकास प्राधिकरण को चुकाएगा.

हालांकि इसमें एक मुश्किल ये हो सकती है कि अगर काम पूरा करने के लिए ज्यादा रकम की ज़रूरत होगी और घर खरीदारों से कम रकम की वसूली हो पाएगी तो घर खरीदारों से अतिरिक्त रकम भरने को कहा जा सकता है. घर खरीदार अगर इसके लिए राजी ना हुए तो वो कोर्ट जा सकते हैं और प्रोजेक्ट दोबारा अटक सकता है. इसके साथ ही रेरा पहले बिल्डर से घर खरीदारों की रकम वसूलने के लिए दबाव बना सकता है.

दूसरा तरीका ये हो सकता है कि घर खरीदारों को खुद ही प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कहा जाए. घर खरीदार अपनी एक एसोसिएशन बनाकर प्रोजेक्ट पूरा करने का काम शुरू कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए घर खरीदारों के एक बड़े वर्ग की रजामंदी ज़रुरी होगी. इसके पहले अक्टूबर में रेरा ने शुभकामना ग्रुप के एक प्रोजेक्ट के घर खरीदारों को ये मौका दिया था लेकिन अभी तक उसपर घर खरीदार कोई फैसला नहीं कर पाए हैं.

तीसरा तरीका हो सकता है कि प्रोजेक्ट की जमीन कैंसिल करके अथॉरिटी नए सिरे से नए खरीदार को दे. इस सूरत में नया अलॉटमेंट महंगे रेट पर होने की सूरत में घर खरीदारों को रिफंड मिल सकता है या वो नए डेवलपर के साथ नई शर्तों के तहत जुड़ सकते हैं. हालांकि, ये तीनों ही विकल्प प्रोजेक्ट की हालत को देखकर ही आजमाए जाते हैं. कैंसिल करने का विकल्प वहीं लागू हो सकता है जहां पर नाममात्र का काम हुआ है.

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