जीवनशैली

तेजी से बढ़ रही है धूम्रपान करने वाले युवाओं की संख्या, बन रहे हैं नपुंसक

जीवनशैली : स्मोकिंग के कारण युवाओं में स्पर्म काउंट कम होने के साथ स्पर्म की गुणवत्ता भी कम हो रही है। विभाग में ऐसे मरीजों की संख्या में दो साल में दोगुने का इजाफा हुआ है। यूरॉलजी विभाग के हेड प्रफेसर एस एन शंखवार ने बताया कि 2012 से 2018 तक चली यह स्टडी 150 मरीजों पर की गई। स्मोकिंग करने से फ्री रैडिकल अन्य कोशिकाओं को डैमेज करते हैं, जिससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं।

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