लोकसभा चुनाव में भाजपा काटेगी दिग्गजों के टिकट, राजनीतिक चर्चाएं तेज
सीकरी से सांसद बाबूलाल चौधरी के कामकाज से पार्टी नाखुश बताई जा रही है, हालांकि हेमा मालिनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मथुरा के अलावा कहीं और से चुनाव नहीं लड़ेंगी।
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी कई दिग्गजों का पत्ता साफ करने जा रही है, जिसको लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। आम चुनाव के लिए अपनी रणनीति को मजबूत करते हुए सभी पार्टियां मजबूत उम्मीदवारों के चयन में जुटी हैं। इसके तहत कई सीटों पर मौजूदा सांसदों की जगह किसी और को भी आजमाने की तैयारी है तो कहीं नेताओं की सीटों में फेरबदल की योजना बन रही है। कहीं ऐंटी-इन्कम्बैंसी से निपटने के लिए उम्मीदवार बदले जा रहे हैं तो कहीं जातीय समीकरण साधने की तैयारी है। यही नहीं इसके जरिए पार्टियां कई बागियों को भी निपटाने की तैयारी में हैं। एनसीआर की अहम सीटों में से एक नोएडा में भाजपा उम्मीदवार बदलने की तैयारी में दिख रही है। ग्रामीण इलाकों में पार्टी के प्रति नाराजगी को थामने के लिए राजनाथ सिंह को लखनऊ की बजाय नोएडा से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। गौतमबुद्ध नगर सीट पर 12 लाख ग्रामीण वोटर हैं, जबकि 7 लाख शहरी मतदाता हैं। ग्रामीण अंचल में राजपूत समाज की अच्छी खासी संख्या होने के चलते राजनाथ को उतारकर बीजेपी डैमेज कंट्रोल करना चाहती है। गौतमबुद्ध नगर से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को अलवर सीट से लड़ने के लिए भेजा जा सकता है। मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले शर्मा के प्रति संसदीय क्षेत्र में लोग बहुत खुश नहीं देख रहे। कहा जा रहा है कि पार्टी ने आंतरिक सर्वे में रिपोर्ट बहुत अच्छी न रहने के बाद उन्हें नोएडा सीट से हटाने का फैसला लिया है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की सीट रही फूलपुर लोकसभा से कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी को लड़ाने की मांग कर रहे हैं। बीते 41 सालों से यह सीट कांग्रेस के खाते में नहीं है, लेकिन नेहरू और फिर उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित को लोकसभा भेजने वाली इस प्रतिष्ठित सीट से यदि प्रियंका उतरती हैं तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए समीकरण बदल सकते हैं। उन्नाव सीट से बीजेपी के सांसद और बड़बोले नेता कहे जाने वाले साक्षी महाराज के टिकट को लेकर पार्टी ने अभी कुछ नहीं कहा है, लेकिन अंदरखाने इस बात की चर्चा है कि उनका टिकट काटा जा सकता है। यहां तक कि उन्होंने खुद प्रदेश बीजेपी आलाकमान को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि इस सीट से कोई और उम्मीदवार उतारा जाता है तो पार्टी हार भी सकती है। वह खुद लोध समुदाय से आते हैं और उन्नाव सीट पर पिछड़े वर्ग की अच्छी खासी आबादी है। उन्होंने अपने पत्र में सीट पर आबादी के समीकरण को भी समझाने की कोशिश की है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चाएं लोकसभा क्षेत्र में जोर पकड़ रही हैं। 2014 में मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से जीत हासिल की थी। मोदी लहर में भी एसपी के लिए मजबूत गढ़ बनने वाली इस सीट से अखिलेश यादव लड़ते हैं तो पूर्वांचल में एसपी को मजबूती मिल सकती है। बिहार की 40 सीटों में से बीजेपी और जेडीयू के 17-17 सीटों पर लड़ने की बात कही जा रही है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था, ऐसे में अब उसे 13 सीटें छोड़नी होंगी। इसके चलते उसके पास नेताओं के बीच सामंजस्य की चुनौती है कि किसे उतारा जाए और किसे नहीं। इस बीच चर्चा है कि केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह का नवादा से टिकट कट सकता है। वजह यह है कि यह सीट जेडीयू के कोटे में सकती है। कहा जा रहा है कि उन्हें बेगूसराय से टिकट मिल सकता है, जो सामाजिक समीकरणों के लिहाज से उनके मुफीद नहीं दिखती। यहां भूमिहार वोट नवादा की तुलना में कम है। ऐसे में सीट बदलने से गिरिराज सिंह की नाराजगी की भी चर्चाएं हैं। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी आने वाले लोकसभा चुनावों में अपने बेटे वरुण गांधी के लिए पीलीभीत संसदीय सीट छोड़ सकती हैं। उनके हरियाणा के करनाल सीट से लड़ने के चर्चे हैं। सूत्रों का कहना है कि मेनका ने कहा है कि इस मामले में अंतिम फैसला बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व लेगा।
बीजेपी वरुण गांधी को उनकी सीट सुल्तानपुर की जगह पीलीभीत से चुनाव लड़वा सकती है। वरुण अभी सुल्तानपुर से लोकसभा सांसद हैं। सुल्तानपुर अमेठी के निकट है और यहां से उनके चचेरे भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ते हैं। नई दिल्ली लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मीनाक्षी लेखी का बीजेपी टिकट काट सकती है। दिल्ली की इस हाईप्रोफाइल सीट से सांसद लेखी पर कम ऐक्टिव रहने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में ऐंटी-इन्कम्बैंसी से निपटने के लिए बीजेपी क्रिकेट सितारे गौतम गंभीर को उतार सकती है। गौतम गंभीर की बीजेपी से नजदीकी को लेकर लंबे वक्त से चर्चाएं जोरों पर हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर फोकस कर रही बीजेपी को मजबूत करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के पुरी लोकसभा सीट से उतरने की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि वह पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी दो सीटों से उतर सकते हैं। पिछली बार वह वडोदरा और वाराणसी से उतरे थे, इसके बाद उन्होंने वडोदरा सीट को छोड़ दिया। इस बार वह भगवान जगन्नाथ के शहर से उतर सकते हैं। इसके जरिए उनकी कोशिश ओडिशा में पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करने की हो सकती है। बता दें कि सूबे में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव की भी वोटिंग होनी है। हालांकि इस सीट से बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा भी उम्मीदवार हो सकते हैं। बीजेपी ने अभी टिकटों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन इलाहाबाद से पार्टी सांसद श्मायाचरण गुप्ता को टिकट कटने का डर सता रहा है। पिछले चुनाव में ही बीजेपी में शामिल हुए गुप्ता के बेटे ने उन्हें टिकट न मिलने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इस ऐलान को गुप्ता में टिकट कटने के डर और उसके चलते पार्टी पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। इस बीच मथुरा से सांसद हेमा मालिनी की भी सीट बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं।