सीडीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. राजेंदर सिंह को मिला हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार-2018
लखनऊ: सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिक डॉ.राजेन्द्र सिंह को डीएनए मेथिलिकरण आधारित मार्करों द्वारा शुक्राणुओं की प्रजननशीलता की पहचान के लिए किए गए उत्कृष्ट योगदान हेतु वर्ष 2018 का हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इन मार्करों की मदद से बांझ शुक्राणुओं एवं प्रजनन-योग्य शुक्राणुओं के बीच विभेदन कर उनको अलग से पहचाना जा सकता है. हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया. उनका शोधइंफर्टिलिटी (बांझपन) क्लीनिक में शुक्राणु की जांच के लिए उपयोगी होगा और निःसंतान दंपतियों की मदद करेगा.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के जर्नल, “ह्यूमन रिप्रोडक्शन”,में हाल ही में प्रकाशित अपने अध्ययन में डॉ. सिंह एवं उनकी टीम ने डीएनए मेथिलिकरण के अंतर को समझने के लिए तथा बांझ शुक्राणुएवं प्रजनन-योग्य शुक्राणुओं केबीच विभेदन करने वाले एपिजीनोम-आधारित मार्करों की पहचान हेतु समग्र जीनोम (जीनोम-वाइड) के डीएनए में मिथाइलेशन का विश्लेषण किया. यह अध्ययन डीएनए मार्करों की पहचान करने में मदद करेगा जो इंफर्टिलिटी क्लीनिक में असिस्टेड रिप्रोडक्शन (सहायक प्रजनन,जैसे कि आईवीएफ, आईसीएसआईइत्यादि) के लिए की जाने वाली शुक्राणु संबंधी जांच में इस्तेमाल किया जा सकता है.