इस वजह से यहां पति के मरने के बाद भी महिलाएं नहीं होती विधवा
हमारे भारत देश में ऐसी ऐसी प्रथाए है जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जायेंगे,आपको बता दे कि भारत देश में कई सारी ऐसी प्रथाए है जो कई बार बहुत ही अजीब होती है और हमारे देश में कुछ ऐसी भी रिवाज है जो बहुत ही अटपटी सी होती है! आज हम आपको एक ऐसे ही गाँव के बारे में बताने जा रहे है जिनके रिवाज भारत में बिलकुल भी अलग होते है! आज हम आपको एक ऐसे ही गाँव के बारे में बताने जा रहे है जहाँ के रिवाज बिलकुल अलग ही है यहाँ पर कोई भी महिला विधवा नहीं होती है!
मध्य प्रदेश के मंडला जिले के बिहंगा गाव की बात है जहाँ पर कभी भी कोई महिला विधवा नहीं होती है! आपको बता दे इस गाँव में गोंड जाति के लोग रहते है!आपको बता दे इस गाँव में अगर किसी भी व्यक्ति का पति मर जाता है तो उन्हें विधवा की तरह जिंदगी नहीं गुजारनी पड़ती है बल्कि उनकी शादी घर में मौजूद किसी ऐसे व्यक्ति से कर दी जाती है जो घर में कुंवारा होता है!आपको बता दे कि इस शादी के लिए यह आवश्यक नहीं होता है कि घर में देवर हो या ज्येठ हो! किसी से भी उसकी शादी की जा सकती है!
आपको बता दे कि घर में शादी लायक अगर नाती और पोते भी है तो उनसे भी उस महिला की शादी करा देते है! अगर कोई पुरुष शादी के लिए इनकार करता है तो या उपलब्ध नहीं है तो उसके लिए दूसरी विधि अपनाई जाती है इसके अलावा अगर शादी न हो तो विधवा महिला के पति की दसवी पर दुसरे घरो की महिलाए चांदी की चूड़ी तोहफे में देती है! जिसे पाटो कहा जाता है! और इस प्रक्रिया के बाद उस महिला को शादी शुदा मान लिया जाता है! जो महिला पाटो देती है उसी के घर महिला रहने चली जाती है! इसमें सम्बन्ध बनाना मुश्किल तो होता है लेकिन अगर कोई ऐसे सम्बन्ध बनाना चाहे तो इस समाज को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है!