मुरली मनोहर जोशी ने कानपुरवालों को लिखी चिट्ठी, रामलाल ने चुनाव लड़ने से मना किया
सत्ता में बने रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. 2019 की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी चुन-चुनकर उम्मीदवारों को टिकट दे रही है. लेकिन इसी वजह से बीजेपी के दिग्गज ही पार्टी से खफा हो गए हैं. बताया जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी की तरह ही बीजेपी ने वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को टिकट ना देने का मन बनाया है. जब पार्टी की ओर से संगठन महासचिव रामलाल ने उन्हें इस बात की जानकारी दी तो इस पर वह खफा हो गए.
दरअसल, सोमवार को बीजेपी के संगठन महासचिव रामलाल ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की थी. रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी से कहा कि पार्टी ने डिसाइड किया है कि आपको चुनाव नहीं लड़वाया जाए. रामलाल ने कहा कि पार्टी चाहती है कि आप पार्टी ऑफिस आकर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करें.
हालांकि, पार्टी की इस अपील को मुरली मनोहर जोशी ने सीधे तौर पर नकार दिया. जोशी ने कहा कि ये पार्टी के संस्कार नहीं हैं, अगर हमें चुनाव ना लड़वाने का फैसला हुआ है तो कम से कम पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हमें आकर सूचित करना चाहिए. मुरली मनोहर जोशी ने साफ कहा कि वह पार्टी दफ्तर आकर इसकी घोषणा नहीं करेंगे.
मुरली मनोहर जोशी ने कानपुर के वोटरों के लिए एक खत भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पार्टी महासचिव रामलाल की ओर से मुझे कहा गया है कि मैं कानपुर या फिर किसी ओर सीट से चुनाव ना लड़ूं.
आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी का गांधीनगर से टिकट कटने पर काफी बवाल हुआ था. गांधीनगर से अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं. आडवाणी का टिकट कटने पर शत्रुघ्न सिन्हा समेत कांग्रेस के नेताओं ने भी सवाल खड़े किए थे.
गौरतलब है कि इससे पहले भी रामलाल ने ही लालकृष्ण आडवाणी, कलराज मिश्र से मुलाकात कर और शांता कुमार, करिया मुंडा से फोन पर बात करके उन्हें टिकट ना देने के फैसले के बारे में जानकारी दी थी. तब भी रामलाल ने इन नेताओं को सूचित किया था कि वह अपनी ओर से चुनाव ना लड़ने का ऐलान करें.
लेकिन लालकृष्ण आडवाणी भी मुरली मनोहर जोशी की तरह तैयार नहीं हुए. सूत्रों की मानें तो आडवाणी ने भी मुरली मनोहर जोशी की तरह रामलाल से कहा था कि पार्टी हमें चुनाव में टिकट नहीं देना चाहती है तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को खुद आकर पार्टी के फैसले की जानकारी देनी चाहिए.