मां को तड़पते देख तीन बच्चों ने खा लिया जहर
एक मां ने दूध में मिलाकर जहर पिया तो उसके तीन बच्चों से भी रहा नहीं गया. तीनों बच्चों ने भी मां के साथ ही जहर पी लिया. शुक्रवार रात करीब 12 बजे बड़े बेटे ने पड़ोसी को फोन कर बताया कि उनके परिवार का बुरा हाल है. सभी उल्टियां कर रहे हैं, उन्हें बचा लो. पड़ोसी जब उन्हें अस्पताल ले गए तो वहां चारों ने दम तोड़ दिया. मरने वाली महिला के पति विदेश में 26 साल से काम कर रहे हैं. ये दर्दनाक घटना पंजाब के जालंधर जिले में आदमपुर ब्लॉक के गांव मानकों की है.
मृतका बख्शिंदर कौर का पति हरजीत सिंह करीब 26 साल से दुबई में रह रहा है और ट्राला चलाता है. गांव में बने तीन मंजिला घर में बख्शिंदर कौर 17 साल के बड़े बेटे जसप्रीत, 15 साल की बेटी बलप्रीत कौर और 11 साल के छोटे बेटे हरमनप्रीत सिंह के साथ रह रही थी. हरजीत करीब डेढ़ साल पहले घर आया था. 6 महीने से बख्शिंदर ने पड़ोसी या किसी गांव वाले से बात करना भी बंद कर दिया था.
शुक्रवार रात करीब 12 बजे बड़े बेटे जसप्रीत ने पड़ोसी को फोन करके मदद के लिए बुलाया. पड़ोसी ने चाचा सरूप सिंह को जानकारी दी तो वे भी मौके पर आ गए और सभी को कठार अस्पताल ले गए. सबसे पहले डाक्टरों ने छोटे बेटे हरमनप्रीत को मृत घोषित कर दिया, जबकि बाकियों को नाजुक हालत के चलते आदमपुर के प्राइवेट अस्पताल रेफर कर दिया, जहां करीब रात 1 से 2 बजे के बीच परिवार के बाकी तीनों सदस्यों ने भी दम तोड़ दिया. शवों को सिविल अस्पताल जालंधर में तीन डॉक्टरों का एक पैनल बना कर पोस्टमार्टम करवा वारिसों के हवाले कर उनका अंतिम संस्कार करवा दिया गया. शाम को गांव में ही एक साथ चार चिताएं जलीं.
केस में जांच कर रही पुलिस अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है कि मौत का कारण क्या था. न कोई सुसाइड नोट मिला है और न ही मायके की फैमिली ने किसी पर शक जताया है. पति डेढ़ साल से दुबई में है.
मौके से पुलिस को तीन स्टील के गिलास मिले. इनमें दूध पिया गया था. जसप्रीत ने मरने से पहले कहा था कि मां ने जैसे ही जहर खाया तो हम सब ने भी जहर खा लिया. इसके सिवाय वह कुछ न बोल सका. पुलिस मान कर चल रही है कि मां ने सब से पहले जहर निगला तो बच्चों ने दूध में कोई जहरीला पदार्थ मिलाकर पिया. जसप्रीत सिंह को नई क्लास प्लस-2 में जाना था तो बहन बलप्रीत कौर को दसवीं तो छोटे भाई हरमनजीत सिंह को आठवीं में.
मरने से पहले जसप्रीत ने पुलिस को इतना ही बताया कि सब से पहले मां ने जहर खाया. मां उनके सामने उल्टी करने लगी. ये देख कर मैंने, बहन बलप्रीत और भाई हरमनजीत ने भी जहर खा लिया. जसप्रीत ने पड़ोसी को मदद के लिए कॉल की थी. पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि बख्शिंदर कौर कहां से जहर लाई थी.
पोस्टमार्टम में ये बात सामने आई है कि फैमिली ने सल्फॉस निगला था. डीएसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है और न ही मौके पर जहर की कोई शीशी या रैपर मिला है. जांच का विषय है कि जहर सल्फॉस था. गांव के लोगों ने बताया कि हरजीत सिंह ने वीजा कैंसिल करवाने के लिए लेबर कोर्ट दुबई में पासपोर्ट जमा करवाया हुआ था और वह दो दिन में भारत वापस लौट रहा था.
पुलिस का ये भी कहना है कि सुसाइड नोट नहीं मिला है. उनके घर से एक लाख रुपए कर्ज का डॉक्यूमेंट मिला है, मगर ये संभव नहीं कि कोई एक लाख रुपए के कर्ज में जान दे दे. पुलिस कॉल डिटेल की जांच करेगी.
इस घटना के बारे में पड़ोसियों ने बताया कि हरजीत सिंह की लड़की बलप्रीत कौर, जिसकी उम्र अभी 14-15 साल है वह संत बाबा भाग सिंह इंटरनेशनल स्कूल में दसवीं की स्टूडेंट थी. वह स्कूल में बेस्ट एथलीट थी और नेशनल स्तर पर खेलकर अब तक तीन गोल्ड मेडल जीत चुकी है. स्कूल के विद्यार्थी और गांव के लोग बलप्रीत को उड़न परी कहते थे. बलप्रीत का बड़ा भाई जसप्रीत सिंह भी संत बाबा भाग सिंह इंटरनेशनल स्कूल में 10+2 में पढ़ता था. वह मां के साथ परिवार की सारी जिम्मेदारियां संभालता था.