अद्धयात्म

नवरात्रि में दुर्गा जी के इन मंत्रों के जाप से होगा चमत्‍कार, रोग-कर्ज और शत्रुओं से मिलेगा झुटकारा

मां दुर्गा को दुर्गतिनाशिनी भी कहा जाता है क्योंकि वह दुर्गति को हरने वाली होती हैं। मां की पूजा-अर्चना करना भक्त को रोग, कर्ज और शत्रुओं से बचाती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि रोज पूजा करने का वक्त नहीं मिल पाता है। ऐसे में मां दुर्गा की उपासना के लिए आठ अक्षरों का एक अद्भुत मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए। इस मंत्र को पढ़ने से सिद्धि, संतान, सफलता सब कुछ मिलता है।

इसके लिए शुक्रवार या नियमित रूप से माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर पर लाल रंग की पूजा सामग्री, फूल और प्रसाद चढ़ाकर स्फटिक की माला से मंत्र का जाप करना चाहिए। वैसे तो ये मंत्र यथाशक्ति पढ़ना चाहिए लेकिन अगर आप इसे 108 पर पढ़ें तो बहुत ही अच्छा होगा। तो आइए जाने यह मंत्र और सरल पूजा उपाय।

1-दुर्गा मंत्र कम से कम एक माला जरूर करें।
ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:

2-संतान से लेकर रोग और विवाह से जुड़े हर कष्ट होंगे दूर
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे:

3-दुर्भाग्य के नाश के लिए करें इस मंत्र का पाठ
ऊं दुर्भाग्यनाशिनी, सौभाग्यप्रदायिनी, रोगहारिणी दुं दुर्गायै नम:

4-धन संबंधी परेशानियों के लिए माता के इस मंत्र का जप करें
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।।

5-संतान सुख पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का जप करें
सर्वाबाधा वि निर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

6-बुरे दिन या संकट से बचने के लिए
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

7-स्वास्थ्य और एश्वर्य के लिए
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः। शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै।।

8-भविष्य ही नहीं भूत काल की जानकारी देगा ये मंत्र
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।

9-सुंदर जीवन साथी पाने के लिए

पत्नीं मनोरमां देहि नोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥

मंत्र पाठ आप 11 बार भी कर सकते हैं। हाथ में एक सुपारी को किसी लाल कपड़े में बांधकर माता के चरणों में रख दें। भगवती ने चाहा तो आपके कार्य सिद्ध हो जाएंगे। कार्य सिद्ध होने पर यह सुपारी किसी दुर्गा मंदिर में चढा दें।

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